फेसबुक पर एक शादीशुदा औरत से मेरी दोस्ती हुई. मैंने उससे मिलने को बोला तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया. मैंने उसके अकेलेपन को कैसे दूर किया. पढ़ें इस कहानी में!
दोस्तो, मेरा नाम कुमार है. मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है और मेरा लंड 7 इंच का है. मेरा शरीर पहलवान की भान्ति भरा हुआ है. मैं हिमाचल का रहने वाला हूं.
यह मेरी एक सच्ची कहानी है. मेरी कहानी की शुरुआत 3 महीने पहले ही हुई.
मैं फेसबुक पर मेरे ही शहर की पुष्पा (बदला हुआ नाम) नाम की औरत से मिला और 1 महीने तक हम फेसबुक पर दोस्त होने के बावजूद भी एक दूसरे से बात नहीं करते थे.
एक दिन मैंने उनकी फेसबुक स्टोरी को लाइक किया तो उसके थोड़ी देर बाद मुझे उनके भी लाइक का जवाब आया और तब मैंने उनको हाय बोला. और इस तरह हम धीरे-धीरे एक दूसरे के बारे में बातचीत करने लगे.
उसकी उम्र करीब 30 साल थी. वो शादीशुदा थी, उसके पति दूसरे शहर में जॉब करते थे तो वो 2-3 महीने में एक बार आते थे.
परंतु जब भी मैं उससे वाट्सएप नंबर मांगता तो वह तरह-तरह के सवाल करती- क्यों चाहिए? क्या करना है? ऐसे ही बात कर लो. वगैरह-वगैरह!
और मैंने उनको बोल दिया- अगर मेरे फ्रेंड लिस्ट में रहना चाहती हैं तो प्लीज मुझे वाट्स एप पर मैसेजेस करें और मैंने पुष्पा को अपना नंबर दे दिया!
लेकिन 2 दिन इंतजार करने के बाद जब उनका कोई मैसेज नहीं आया!
तो मैंने पुष्पा को मैसेंजर पर मैसेज करना बंद कर दिया!
तीसरे दिन ही उनका मुझे मैसेज आ गया! मैंने वाट्स एप पर जब नया नंबर देखा तो मैंने पूछा- आप कौन हो और मेरा नंबर किसने दिया?
उन्होंने कहा- आपने ही दिया!
तो मुझे समझते हुए देर नहीं लगी यह पुष्पा है!
मैंने उनसे बोला कि मुझे आपके साथ वीडियो कॉल पर बात करनी है.
उन्होंने कहा- ठीक है! हम वीडियो कॉल पर बात करेंगे!
और मैंने पुष्पा को कॉल की और हमने बहुत सारी बातें की!
इसी तरह हम वाट्स एप पर हर रोज बात करते.
एक दिन मैंने पुष्पा को बोला- मुझे आपसे मिलना है, हम कब मिल सकते हैं?
उन्होंने बोला- मैं किसी से नहीं मिलती. पर अगर आप मुझसे मिलना चाहते हैं तो मेरे घर आ सकते हैं!
मैंने कहा- ठीक है, मैं आपके घर आऊंगा आपसे मिलने! पर मेरी एक शर्त है! आपको मेरे लिए खाने के लिए कुछ खास बनाना पड़ेगा.
तो उन्होंने कहा- ठीक है, आप जो बोलो, मैं वही बनाऊंगी!
मुझे पुष्पा ने अपने घर आने की अनुमति दी तो मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे!
और वह दिन आ ही गया. अप्रैल की 28 तारीख उन्होंने मुझे रात 9 बजे अपने घर बुलाया और वो मुझे अपने घर के पास गली में लेने के लिए आई. वो मुझे अपने घर में ले गई और वहां डिनर में मेरी पसंद की खीर बनाकर मुझे खिलाई!
रात को 10:00 बजे मैं खाना खाकर मैं बाय बोल कर अपने घर आ गया!
हम हर रोज की तरह वीडियो कॉल पर बातें करते हैं!
एक दिन मेरे मन में पुष्पा के साथ सेक्स की बातें करने का ख्याल आया! मैं पुष्पा के साथ बातों ही बातों में कभी गोदी में सोने के कहता तो कभी उसको दूध पिलाने को कहा! सेक्सी बातों से मैंने पुष्पा के अंदर प्यास और प्यार की भूख पैदा कर दी!
मैं कभी-कभी उसके नाम की मुठ मार लेता था! पुष्पा भी मेरे साथ बात करने में खुश रहने लगी!
और एक दिन मंगलवार के दिन मैं उनके घर गया! जब उनके पड़ोस में कोई नहीं था उन्होंने लंच में खीर खिलाई और मैंने उनसे कहा- मुझे आपकी गोद में सोना है.
उन्होंने कहा- आ जाओ और मेरी गोदी में सो जाओ.
मुझे पता चला कि वह कितनी अकेली और प्यासी है.
मेरी धीरे-धीरे हिम्मत बढ़ने लगी और मैंने पुष्पा को दूध पिलाने को कहा!
और वो शरमा गई उसने अपने दोनों हाथ मेरे मुंह के ऊपर रख दिए!
परंतु मैं कहां मानने वाला था … मैं उनकी चूचियाँ दोनों हाथ से दबाने लगा!
और वो मुंह से सी … सी … सी … की आवाज करने लगी.
मैंने उसका शर्ट उतार दिया और ब्रा हटा कर उसका निप्पल चूसने लगा. और मैंने बहुत देर तक पुष्पा का दूध पिया, मैं उसके ऊपर लेट गया!
वह मुझे अपने ऊपर से हटाने लगी लेकिन मैंने उसको दबोच लिया और उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा.
और वह जैसे मदहोश होती जा रही थी. उसकी चूत पानी छोड़ने लगी.
और मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था. मैंने उसकी चूत में जैसे ही लंड डाला, वह दर्द के मारे कराहने लगी और चिल्लाने लगी- हाय मर गई … इसे बाहर निकालो … बहुत दर्द हो रहा है.
परंतु मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी चूचियां जोर-जोर से दबाने, काटने लगा.
फिर वह शांत हो गई और मैंने धीरे धीरे से धक्का देना शुरू किया. 10 मिनट आराम से चोदने के बाद वह झड़ने लगी तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और उम्म्ह… अहह… हय… याह… करती हुई झड़ गई!
अब मैंने भी जोर जोर से धक्के मारना शुरू कर दिए और हम दोनों इकट्ठे शांत हो गए.
वह इस सेक्स से बहुत खुश हुई, उसने मुझे गले से लगा लिया और कहा- कुमार, आपने मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी दी है! मुझे आपसे प्यार हो गया! मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगी!
ऐसे ही कई हफ्ते बीत गए मैं और पुष्पा मौका देखकर चौका मार लिया करते थे. लेकिन काम की वजह से मैं उसको ज्यादा से ज्यादा समय नहीं दे पा रहा था जिसकी वजह से वह कभी-कभी मुझसे नाराज हो जाती थी.
एक दिन मेरी मां अचानक बीमार हो गई और उन्हें हॉस्पिटल एडमिट करवाना पड़ा. इसी बीच मैं पूरा दिन हॉस्पिटल में मां के साथ बिताता और शाम को पुष्पा के पास चला जाता. मैं उसे बड़े प्यार के साथ बांहों में लेता वहाँ हम खूब मजे करते!
हॉस्पिटल में पूरा दिन मैं बोर हो जाता परंतु मेरे मां के बेड के साथ वाले बेड पर एक भाभी भी एडमिट थी जो अभी 33 साल की थी, देखने में गोल मटोल हॉट लगती थी. मेरा दिल करता था कि मैं उसको वहीं चोद दूं सबके सामने!
भाभी के साथ भी मैंने खूब मजे किए हैं जो मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा!
और 1 दिन पुष्पा बीमार हो गई, उसे बुखार आ गया था. मैं उसके घर देखने गया. मैं उसके पास लेट गया. वह बहुत ठंड महसूस कर रही थी मैं जाकर के उसके कम्बल में घुस गया और उसको किस करने लगा. किस करते करते वो कब गर्म होने लगी पता ही ना चला. मैंने उसकी सलवार नीचे कर दी और अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा. वो भी मेरे साथ सहयोग करने लगी.
मैंने उसकी टांग उठाई और पीछे से डाल दिया और धीरे-धीरे धक्के देने लगा. वह बहुत गर्म होने लगी!
दोस्तो, यह कहानी जब मैं लिख रहा हूं तो आपको बताना चाहूंगा कि मैं अपना लंड हाथ में लेकर उसको दबा रहा हूं और मुझे अहसास हो रहा है कि जैसे बीते हुए लम्हों को मैं फिर से जी रहा हूं. कहानी की ओर बढ़ते हैं.
पुष्पा इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसको 10 मिनट प्यार प्यार से धक्के देने के बाद में झड़ गया. और उसको तब बुखार से थोड़ा आराम मिला. थोड़ी देर बाद जब हम एक दूसरे से अलग हो गए.
मैंने उसे कहा- आज मैं आपके साथ ही रहूंगा रात को!
शाम को मैं बाजार से खाना ले आया. हमने खाना खाया और मैं पुष्पा के साथ बिस्तर में घुस गया. उसका बुखार अब तक ठीक हो चुका था. मैंने पुष्पा के सारे कपड़े उतार दिये, फिर पुष्पा को अपने ऊपर लेटा लिया और उसके दूध को जोर जोर से मसल मसल कर पीने लगा!
वह बहुत गर्म हो रही थी और यह रात मेरी ऐसी पहली रात थी कि मैं किसी औरत के साथ पूरी रात रहने वाला था. इसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा.
फिर मैंने नंगी भाभी पुष्पा को बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत पर मैंने अपनी जीभ लगाई और चाटने लगा. वो पानी पानी होने लगी. उसकी सिसकारियाँ निकल रही थी.
वो मुझे ऊपर खींचने लगी तो मैंने उसे अपने शरीर से ढक लिया. अब मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर था. उसने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर रखा और मैंने अपना लोड़ा उसकी चूत में एक झटके से अंदर कर दिया और प्यार प्यार से धक्का मारने लगा.
पर मुझे आज धक्का देने में मजा नहीं आ रहा था तो मैं बिस्तर पर लेट गया और मैंने उसे कहा कि वह मेरे ऊपर आ जाए.
वो ऊपर आने को मान गई और मेरे खड़े लोड़े पर बैठने लगी. मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया. वो उछलने लगी और मजे के कारण उसके मुंह से सीसी की आवाज निकलने लगी.
मैंने भी उसको कस के पकड़ और नीचे से अंधाधुंध जोर जोर से चोदा. 15 मिनट की चुदाई के बाद वो थक गई परंतु मेरा अभी निकला नहीं था.
तो मैंने उसको फिर बिस्तर पर लेटाया और उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा. इसी बीच में एक बार झड़ चुकी थी.
पर मेरा लंड अभी कहाँ मान रहा था, मैं लगातार उसकी चूत चुदाई में लगा रहा. जब वह ज्यादा थक गई तो वो अपने हाथ जोड़ने लगी और कहने लगी- अब और मत चोदो. मैं थक गई हूं. अपना लंड बाहर निकाल लो.
मैं भी अब थक चुका था और अब उसको और तंग नहीं करना चाहता था. लेकिन मैं झाड़ना चाहता था तो मैंने उसको कहा- बस दो मिनट और सह लो.
अब जोर जोर के कुछ झटके मारने के बाद मैंने पूरा माल उसकी चूत में भर दिया और उसने मुझे बहुत चूमा.
जब मैं उसके ऊपर से हटा तो उसने मेरे लोड़े को भी चाट कर साफ किया और कहा- कुमार आज मुझे लगा है कि किसी मर्द ने मुझे छुआ है आज मैं अपने आप को शांत महसूस कर रही हूं.
वो बहुत खुश थी और मैंने उसकी आंखों में अजीब सी चमक देखी जो मुझे समझ नहीं आई कि वह उस का मेरे प्रति प्यार था या फिर उसकी अनबुझी प्यास!
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