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देसी औरत मेरे लंड की प्यासी

  



दोस्तो, मेरा नाम विकी है और मैं आप सबका आपकी चहेती हिन्दी सेक्स स्टोरी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं।

अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी साइट पर मैं आप लोगों के साथ आज अपनी एक देसी सेक्स कहानी शेयर करने जा रहा हूं जिसमें मैं देसी इंडियन भाभी की चूत चुदाई के बारे में बताऊंगा।
यह बात आज से एक साल पहले की है।

कहानी शुरू करने से पहले आप जान लें कि मैं महाराष्ट्र में रहता हूं। मैं क्या काम करता हूं ये मैं आपको नहीं बता पाऊंगा। निजी जानकारी न देने के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूं।

यह कहानी मेरे और मेरी एक क्लाइंट के बारे में है। वो एक 42 साल की औरत है।

मुझे कुंवारी चूत की चुदाई करने के बजाय और आंटी की चुदाई और अधेड़ उम्र की सेक्सी लेडी की चुदाई करना पसंद है।
अनुभवी औरतों के साथ सेक्स करना बहुत सुरक्षित रहता है और मजा भी ज्यादा आता है।

तो मैं आप लोगों को ज्यादा बोर न करते हुए हॉट भाभी के साथ सेक्स की कहानी पर आता हूं।

वो भाभी अभी भी पूरी जवान थी। उस औरत के घर में काम से मेरा आना जाना लगा रहता था।
उसके पति का एक बड़ा बिजनेस था जिसके सिलसिले में वह अक्सर घर से बाहर रहता था।

जब से मैं उनके घर में जाने लगा था मुझे लगने लगा था कि यह कुछ खुश नहीं लगती है। शायद इसका पति इसको खुशी नहीं दे पा रहा है।
बाद में मुझे पता चला कि मेरा अंदाजा सही था।

तो दोस्तो, उसके घर में जाते हुए मुझे तीन चार दिन ही हुए थे कि वो मेरी ओर आकर्षित होने लगी थी।
चूंकि वो मेरे क्लाइंट थे तो मुझे ऐसी वैसी हरकत करने में बहुत हिचक होती थी क्योंकि मैं वहां काम करने जाता था।

अगर मैं वहां पर कुछ गलत हरकत करता तो हो सकता था कि मेरा काम मुझसे छूट जाए इसलिए मैं चुपचाप अपने काम में लगा रहता था।
मैं बस उसके हाव भाव पर नजर बनाए रखता था मगर अपनी मर्यादा में ही रहता था।

पिछले दो दिनों से मैं देख रहा था कि वो चुपके से दूर खड़ी होकर मुझे घूरती रहती थी।
वो मेरे सामने आकर न तो कुछ इशारा दे रही थी और न ही कुछ कहने की पहल कर रही थी।

शायद वह सोच रही थी कि मैं ही आगे बढ़कर उससे कुछ बात करूंगा।
मगर मैं भी अपनी हद में ही रहना चाह रहा था।

धीरे धीरे दिन ऐसे ही बीत रहे थे।

वो अब शायद ये सोच रही थी कि अगर काम खत्म हो जाएगा तो फिर मुझसे मुलाकात होना संभव नहीं हो पाएगा।
इधर मैं भी यही सोच रहा था कि भाभी आगे बढ़कर पहल करें क्योंकि मुझे यह भी डर लग रहा था कि अगर शायद मैं पहल करूं तो कहीं बुरा ना मान जाएं या गलत ना समझ ले।

फिर वह दिन भी आ गया जब उन्होंने खुद ही आगे बढ़कर पहल की।

उस दिन काम खत्म मैं उनके घर से निकल रहा था।
शाम होते ही वर्कर लोग छुट्टी करके अपने अपने घर पर चले गए थे और उनके पति भी शहर से चार-पांच दिनों के लिए बाहर गए थे।

जब मैं जाने लगा तो वो कहने लगी- विकी … रुको, चाय पीकर जाना; मैं चाय बना रही हूं।
मैंने कहा- ठीक है, आप बना लीजिए तब तक मैं कुछ हिसाब कर लेता हूं, वह आपको बताना भी है। तो हम चाय पीते हुए ही इस बारे में भी बात कर लेंगे।

लगभग 10 मिनट के बाद वह चाय बनाकर ले आई।

फिर चाय पीते पीते हम लोगों के बीच में बातों का सिलसिला शुरू हुआ।
वो मुझसे मेरी पर्सनल लाइफ के बारे में कुछ पूछने लगी।
मैंने भी उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में थोड़ा बहुत पूछा।

फिर धीरे-धीरे अपनी निजी जिन्दगी के बारे में बताते बताते वह थोड़ा उदास होने लगी।
मैंने बोला- भाभी क्या हुआ? आप मतलब क्यों इतना उदास हो रही हैं?

वो बोली- ये आपको बताने के लायक बात नहीं है।
मैंने कहा- मगर आप थोड़ा बहुत तो बताइये? क्या पता मैं आपकी कुछ मदद कर सकूं?

वो बोली- हम पति-पत्नी में अब वो प्यार नहीं होता जो होना चाहिए। मेरी खुशी अब अधूरी ही रहती है। मुझे घर में कोई कमी नहीं है लेकिन मेरी शरीर की जरूरतें ठीक से पूरी नहीं हो पाती हैं। शायद आप समझ रहे होगे कि मैं क्या कह रही हूं?

मैंने मन ही मन कहा कि मैं तो पहले दिन से ही समझ गया था, बस तुम्हारे मुंह से ही कहलवाना चाह रहा था।

पर मैंने थोड़ा शरीफ बनते हुए कहा- हां-हां भाभी जी, मैं समझ गया। मैं तो यही कहूंगा कि आपको उदास होने की जरूरत नहीं है। आप अपना कोई दोस्त देखें और उसके साथ अपने दिल की बातें शेयर करें, ताकि आपका मन हल्का हो सके।

उसको मेरी बातों से तसल्ली सी होने लगी।
वो बोली- विकी, शुक्रिया, तुमने मेरे बारे में इतना सोचा। अब जब बात चल ही गई है तो मैं थोड़ा खुल कर बता देती हूं।

फिर आगे बताते हुए उसने कहा- विकी … हमारी सेक्स लाइफ उतनी मजेदार नहीं है जितनी कि होनी चाहिए। मेरे पति सेक्स के मामले में एकदम कमजोर हैं और अगर घर पर भी रहते हैं तो हमारा कुछ खास हो नहीं पाता है।

मैंने उनको बोला- भाभी आप थोड़ा और खुलकर हमें बताएं कि क्या दिक्कत आ रही है और मैं आपकी क्या हेल्प कर सकता हूं?
उन्होंने बोला- विकी आप ड्रिंक लेते हो?

मैंने उन्हें बोला- मैं रोज नहीं लेता हूं मगर कभी-कभार लेने में कोई परहेज नहीं है।
फिर उन्होंने बोला- आप कौन सा ब्रांड लेते हो?

उनसे मैंने कहा- बीयर या रम से दोनों में से कोई सा भी।
उन्होंने बोला- मैं तो वोडका लूंगी।
मैं उनसे बोला- ठीक है।

कुछ देर बाद वो वोडका लेकर आ गई और मेरे लिए उसने बीयर मंगवा ली।
मैंने कहा- इतना कष्ट करने की जरूरत नहीं थी भाभी, अगर बीयर नहीं थी तो आप मना कर देतीं।

वो बोली- नहीं विकी, पहली बार मेरे मन ने हल्का महसूस किया है। मैं चाहती हूं कि मैं दिल की सारी बातें आपसे शेयर करूं। एक दो पैग लेने के बाद मैं खुलकर आपसे सब कुछ शेयर कर पाऊंगा। मुझे भी एक अच्छा दोस्त मिल जाएगा।

मैंने कहा- ठीक है, आप मुझे अपना अच्छा दोस्त ही समझें।
फिर वो पैग बनाने लगी।
धीरे-धीरे वो एक-एक पैग पीती जा रही थी।

उसकी नजरें अब मेरी पैंट पर बार बार जा रही थीं। शायद उसके अंदर सेक्स की आग अब बढ़ने लगी थी।
जब उससे शायद नहीं रहा जा रहा था तो वो बोली- विकी, तुम इतनी दूर क्यों बैठे हुए हो? मेरे पास आकर बैठ जाओ।

मैं भी उनके पास जाकर सट कर बैठ गया।

जैसे-जैसे उनको शराब की खुमारी चढ़ती जा रही थी वैसे वैसे उतना ही वो पास में मेरे चिपकती जा रही थी।
उसने सब खुलकर बता दिया कि उसको पति के लंड से संतुष्टि नहीं मिलती है।

इधर मैं भी उसके करीब आने से और सेक्स की बातों से गर्म होने लगा था। मेरा लंड खड़ा हो चुका था।

मैं भी उनसे चिपकता जा रहा था। मेरी भी सेक्स इच्छा पूरी तरह से जाग चुकी थी।

फिर मैं भाभी को उठाकर बोला- भाभी चलो बेडरूम में चलते हैं, वहीं बैठ कर साथ में पिएंगे।
वो बोली- ठीक है।

फिर हम बेडरूम में चले गए।

बेडरूम में जाकर हम दोनों साथ में बैठकर पीने लगे।

कुछ देर के बाद वो कहने लगी कि मुझसे अब यहां कुर्सियों पर नहीं बैठा जा रहा है, मुझे बेड पर ले जाकर बैठा दो विकी।

मैंने उनको गोद में उठाया और बेड पर ले जाने लगा।
भाभी ने मेरे गले में बांहें डाल दीं।

जैसे ही मैं उनको ले जाकर बेड पर लिटाने लगा तो उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और हम दोनों के होंठों को मिलते देर न लगी।

उसके ऊपर लेटकर मैंने उसके लबों को चूसना शुरू कर दिया। हम दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे।
कुछ ही देर में हमारे कपड़े उतरने शुरू हो गए। मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए और केवल उसको ब्रा और पैंटी में छोड़ दिया।

मैं खुद भी अंडरवियर में हो गया था।
अब मेरा लंड उसकी पैंटी पर रगड़ रहा था।

मैं उसकी चूचियों को उसकी ब्रा के ऊपर से दबाने लगा; वो लगातार मेरे होंठों को चूसने में लगी हुई थी।

उनके बदन को मैं पूरी तरह से सहलाये जा रहा था। हम दोनों लोगों का बदन एकदम जैसे गर्म भट्टी की तरह तपने लगा था।

भाभी बोल रही थी- विकी … आह्ह … यार … आप कितने सेक्सी और गर्म हो। मैंने जिस दिन से आपको पहली बार देखा था तभी से मैंने सोच लिया था कि आपके साथ जरूर मैं सेक्स करूंगी।
मैंने बोला- भाभी आपको तो बोलना चाहिए था ना? मैं भी आपको पसंद करता था लेकिन मैं आगे बढ़कर पहल नहीं कर पा रहा था। सच में यार … भाभी आप बहुत ही सेक्सी और गर्म हो।

अब वो काफी गर्म हो गई थी और धीरे धीरे मदहोश सी होती जा रही थी।

फिर वो बोली- यार अब जल्दी से सेक्स शुरू करो, नहीं तो मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो पाएगा।

मैंने उनके बदन से ब्रा और पैंटी दोनों को अलग कर दिया और खुद भी अपना अंडरवियर निकाल दिया और उनके पूरे बदन को चूमने लगा।
वह भी मेरे पूरे बदन को चूमे जा रही थी।

नंगी भाभी का गोरा जिस्म देखकर मैं सेक्स की आग में जलने लगा था।
मैंने उनके बूब्स को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया।
वो एकदम से सिसकारी- आह्ह … विकी … ओह्ह … ऊईई … आह्ह चूसो यार … और चूसो … आह … पी लो। बहुत दिनों बाद किसी को चूचियां पिला रही हूं।

मैं पूरे जोश में देसी सेक्सी भाभी के मोटे बूब्स को चूस रहा था।
चूचियों की निप्पल एकदम से तनकर मोटी मोटी हो गई थीं जिनको दांतों से हल्के हल्के काटने में इतना मजा आ रहा था कि बस मन करने लगा कि उनको काटकर खा लूं।

जब भी मैं भाभी के निप्पल्स को काटता तो वो मेरे लंड को पकड़ कर खींच लेती।

अब मेरा एक हाथ भाभी की चूत पर चला गया और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही रगड़ने लगा।

कुछ ही देर रगड़ने के साथ वो इतनी गर्म हो गई कि उसने मुझे बेड पर पटक लिया और मेरा अंडरवियर खींचकर मुझे नंगा कर दिया।

उसने एकदम से मेरे लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
मैं तो जैसे जन्नत में खो गया।
वो मस्ती से मेरे लंड को चूसती रही और मेरी सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं।

मैं इतनी जल्दी झड़ना नहीं चाहता था और मैंने भाभी को उठा दिया।

उसकी पैंटी उतार कर उसकी चूत को नंगी कर दिया; मैंने चूत को जीभ से चाटना शुरू कर दिया।
मेरी जीभ लगते ही भाभी सिसकारने लगी- आह्ह विकी … आह्ह … स्स्स … ओह्ह … आआआ हह्ह … आहाह … आह्आ … आआ … ऊईई आ आ … चाट लो … अंदर तक आह्ह … विकी … आह्ह चूस लो इसे!

कुछ देर मैंने भाभी की चूत जीभ से चाटी और फिर उसकी टांगों को चौड़ी कर दिया।
मैंने अपने लंड का टोपा भाभी चूत पर सेट कर दिया।

मैंने थोड़ा सा अंदर घुसाया तो ऐसा लगा कि जैसे भाभी की चूत के अंदर एक गर्म लावा सा बह रहा था।
वो बोली- आह्ह … बस अब रुको मत … जाने दो … घुसा दो पूरा।

ये सुनकर मैंने भी उनकी चूत के अंदर पूरा का पूरा लंड घुसा दिया।

अब वो एकदम से मचलने लगी थी और मेरे होंठों को चूसते हुए नीचे से गांड हिलाकर चुदवाने लगा।
मैं भी धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता गया और तेजी से भाभी की चूत में लंड को पेलने लगा।

जितना तेजी से मैं ऊपर से कर रहा था उतनी ही तेजी से वो नीचे से धक्का दिये जा रही थी।

लगभग 10 मिनट तक भाभी की चुदाई करने के बाद वो एकदम से अकड़ने लगी और उसकी चूत ने मेरे लंड को अपने रस से भिगो दिया।

भाभी की चूत का रस बह निकला।
अब लंड से पच-पच की आवाज होने लगी।

भाभी की चूत पानी छोड़ चुकी थी तो मैं अब तेजी से उसकी चूत को पेलने लगा।

थोड़े ही धक्कों के बाद फिर मेरा माल भी निकलने को हो गया।
मैंने तेजी से चोदते हुए भाभी की चूत में ही माल गिरा दिया।
उसके बाद हम दोनों कुछ देर तक हांफते रहे।

उसके बाद हम उठे और दोनों वाशरूम में जाकर साफ होकर आ गये।
तब हमने खाना खाया और एक बार फिर से पीने का दौर शुरू हो गया।

एक बार फिर से मेरा मन भाभी की चूत मारने का करने लगा।
मैं बोला- भाभी, मैं एक बार और आपके साथ करना चाहता हूं। उसके बाद ही मैं अपने घर जाऊंगा।
वो बोली- आज रात को मेरे यहां ही रुक जाओ। घर पर वैसे भी कोई नहीं है।

मेरा भी मन रुकने का हो रहा था तो मैं रुक गया।

फिर हम दोनों ने खूब मस्ती की और पीते हुए चूसा चुसाई करके फिर से गर्म हो गए।
उसके बाद चुदाई का एक और दौर चला।

इस तरह से उस रात मैंने चार बार भाभी के साथ सेक्स का मजा लिया।
सुबह के 6 बजे उठकर मैं फ्रेश होकर अपने घर चला गया।

उस दिन के बाद से भाभी के साथ चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया।

उसके बाद से जब भी भाभी का मन होता है और उनके पति शहर से बाहर होते हैं हम लोगों का वहीं खाना-पीना और सेक्स होता है।
हॉट भाभी के साथ सेक्स से वो बहुत ही खुश है मुझसे और मेरे सेक्स करने के स्टाइल से भी।

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