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राजस्थानी गर्लफ्रेंड ने घर में बुलाकर चुत फड़वायी

  


मेरा नाम मानव है. घर वाले प्यार से मुझे मणि बुलाते हैं. मेरी उम्र 31 साल है.

मेरी बॉडी एवरेज है, मैं खाने पीने का बड़ा शौकीन हूं, इसलिए शरीर काफी हट्टा-कट्टा है.

मेरा लंड 6 इंच का है. हालांकि कभी नाप कर नहीं देखा मगर किसी औरत या लड़की की सील तोड़ने और उसको तृप्त करने के लिए काफी है.

यह सेक्स विद ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड कहानी आज से 11 साल पहले की है.
बात 2011 की है. वो अप्रैल का महीना था.

भरतपुर जिले के एक गांव में मेरे मामा की बारात गई थी.

उसी शादी में मेरे बड़े भाई भी गए थे.
वहां उनकी एक गर्लफ्रेंड आई हुई थी या यूं कहें कि वो वहीं की थी, तो बेहतर रहेगा.

बड़े भाई की गर्लफ्रेंड उस समय भरतपुर में रह कर स्नातक की पढ़ाई कर रही थी.
भाई की गर्लफ्रेंड के साथ एक और लड़की आई थी, उसको देख कर मेरा दिल धड़कने लगा था.
दरअसल में मीना के घर रह कर ही पढ़ाई कर रही थी मेरे बड़े भाई की गर्लफ्रेंड।।
उसका नाम मीना था.

दरअसल मीना के घर में रह कर मेरे बड़े भाई की गर्लफ्रेंड पढ़ाई कर रही थी.

मैं अपने भाई के साथ ही घूम रहा था क्योंकि मीना को देखने का मौका जो मिल रहा था.
मेरे भाई ने अपनी गर्लफ्रेंड का नंबर मुझसे मोबाइल में सेव करने को कहा.
मैंने कर लिया.

शादी में कुछ हुआ नहीं, वहां से लौट कर मैं वापस अपनी जॉब पर चंडीगढ़ चला गया.
मैंने अपने भाई की गर्लफ्रेंड को ये सोचकर फोन लगाया कि शायद मीना से बात हो जाए.
मेरा नसीब अच्छा था, फ़ोन मीना ने ही उठाया.

मैंने उसे अपना परिचय दिया तो वो खुश हो गई.
हमारी काफी देर तक बातें हुईं.

उसको शायरी लिखने पढ़ने का काफी शौक था, मुझे भी था.
धीरे धीरे हमारी बातें होने लगीं और हम दोनों की दोस्ती गहरा गयी, हम बहुत करीब आ गए.

रक्षाबंधन से दो दिन पहले मैं अपने घर वृंदावन आया तो मीना ने बताया कि उसकी मां उसके मामा के घर जाएगी और वो उस दिन मुझसे घर में ही मिलना चाहती है.
मैं तैयार होकर उसके घर के लिए निकल गया.

वो वृंदावन से भरतपुर का सफर, आप यूं समझ लीजिए मुझे किसी साल के बराबर लग रहा था.
शाम को 7:30 के करीब मैं उसके घर के करीब पहुंचा.
मैंने उसे फोन लगाया तो उसने कहा- मैंने गेट खुला रखा है, तुम सीधा अन्दर आ जाना और गेट बंद करके ऊपर आ जाना.

दिल में डर और मिलने की बेताबी लिए मैंने अपनी बाइक उसके घर से कुछ दूर एक पेड़ के नीचे खड़ी कर दी और इधर उधर देखता हुआ उसके घर के सामने पहुंच गया.
फिर मैदान साफ़ देख कर मैं सीधा उसके घर के फाटक खोल कर अन्दर घुसा तो वो सामने खड़ी थी.

सच मानो, मेरी धड़कन इतनी तेज हो गई थी कि बस क्या कहूँ.
वो इतनी हॉट लग रही थी कि मेरे लंड महाराज अपनी औकात से बाहर होने लगे थे.

उसने दरवाजा बंद करने का इशारा किया तब मेरी बुद्धि चली.
मैंने झट से पलट कर दरवाजा बंद किया और वो मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे ऊपर ले गई.
मैं यंत्रवत उसके मोहपाश में खिंचा चला गया.

ऊपर एक हॉल था. उसने मुझे सोफे पर बैठने का कहा.
मैं बैठ गया.

उसने बढ़िया खाना बना कर रखा था.
वो मुझे खाना के लिए बोली.

तब ख्याल आया कि मैं उससे मिलने के चक्कर में बिना कुछ खाए हुए ही चला था और अब तेज भूख लग रही थी.
मैंने हाथ धोए और खाना खाया.

उससे बात हुई तो मालूम चला कि उस रात वो घर में अकेली थी.
मैंने मन ही मन कामदेव की वन्दना की कि ‘हे प्रभु ये आपकी कैसी लीला है. मैं तो मीना से सिर्फ मिलने आया था और इधर तो आपने कहानी ही दूसरी लिख दी है.’

खैर … मैंने पहले तो अपने घर फोन किया कि मैं अपने एक दोस्त के घर रुक गया हूँ, कल आऊंगा.
तब तक मीना ने मेरा बिस्तर अपने बिस्तर के बगल में दूसरी खाट पर लगा दिया था.

ये देख कर पहले तो मेरी झांटें सुलग गईं कि दूसरी खटिया की क्या जरूरत थी.
फिर सोचा कि चलो देखते हैं, क्या होने वाला है.

हम दोनों काफी देर तक बातें करते रहे.

मेरी पहल करने में गांड फट रही थी.
काफी सोच समझ कर लंड को समझा कर मैं अपने फ़ोन में मूवी देखने लगा.

वो राजकुमार मूवी थी, शाहिद कपूर की.

मैं चुपचाप मूवी देखने लगा तो मीना बोली- मुझे भी देखनी है.
मैंने हां कह दिया.

वो बोली- तुम मेरे साथ यहीं मेरे बिस्तर पर आ जाओ.
मैं झट से उसके बगल में लेट गया.

उस समय बरसात होने लगी थी, मौसम एकदम से ठंडा हो गया था.
मीना ने चादर अपने ऊपर ले ली.
मैंने कहा- एक चादर मुझे भी चाहिए.
उसने अपनी चादर मेरे ऊपर भी डाल दी.

अब एक ही चादर में हम दोनों मूवी देख रहे थे. आखिर कब तक प्लस माइनस का कॉन्टैक्ट न होता.
मैंने बड़ी हिम्मत करके एक पैर उसके पैर पर रखा.
उसने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.

मैंने उसके पैर को अपनी टांग से दबा लिया, वो फिर भी खामोश होकर मूवी देख रही थी.

फिर मैंने फोन मीना को पकड़ा दिया- लो तुम देखो, मुझे नींद आ रही है.
उसने फोन ले लिया और ये भी नहीं कहा कि नींद आ रही है तो अपने बिस्तर पर चले जाओ.
इधर नींद किस चूतिया को आ रही थी.
मैं तो बस उसको छूना चाहता था. उसको बस खा जाना चाहता था.

कुछ देर बाद ही मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रखा.
वो खामोश थी तो मैं अपने हाथ को धीरे धीरे उसकी पीठ से लेकर उसके मुलायम चूतड़ों तक घुमा रहा था.

उसकी गर्म सांसें मुझे अपने चेहरे पर साफ महसूस हो रही थीं.
मैंने धीरे से उसको सीधा किया.

वो तो मानो मेरे रिमोट पर चल रही थी, वो सीधी लेट गई.

मैंने अपना हाथ अब उसके पेट पर रख दिया और उसके कुर्ते को ऊपर करके हाथ उसके नंगे पेट पर हाथ फिराने लगा.

अपने हाथ को उसकी नाभि के ऊपर घुमाया, तो उसके हाथ से मोबाइल गिर गया.
उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और वो सीधा मेरे सीने से लग गई. उसकी तेज सांसें मुझे पागल करने लगीं.

अब मैं रुक नहीं सकता था. मैं उसके कपड़े उतारता गया, वो मेरे कपड़े उतारती गई.
वो कुछ बोल नहीं रही थी. बस उसकी कामुक सिसकारियां मुझे आगे बढ़ने को बोल रही थीं.

अगले एक मिनट में हम दोनों के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था.
मैंने कभी किसी लड़की को अब तक नंगी नहीं देखा था.
तो मैंने उससे कहा- लाइट जला दो, मुझे तुम्हें देखना है.
वो हंस दी और उसने अपने बाजू में लगा बटन ऑन कर दिया.

कमरे में रोशनी होते ही उसने अपना चेहरा मेरी छाती में छुपा लिया.
मुझे उसपर बेइंतहा प्यार आ रहा था.

मैंने उससे कहा- मीना, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं. जब से तुम्हें शादी में देखा है, तबसे मैं तुम्हें अपने दिल की बात कहना चाहता था.
वो मेरी तरफ देखने लगी.

मैं- अगर तुम्हारी मर्जी हो तो आगे चलें?
उसने मेरे चेहरे को नजर भरके देखा और मेरी आंखों में एकटक देखती रही.
उसने अपनी आंखों में आंसू भरकर मुझे फिर से सीने से लगा लिया.

वो अब इतना कसके लिपटी हुई थी कि मैं हिल भी नहीं सकता था.
मुझे उसके इस प्यार और अश्कों पर बड़ा नाज महसूस हुआ.

मैंने उसके चेहरे को हाथों में लेकर कहा- अपने रब से बस इतना ही गिला है मुझे! भोले से सनम मेरे तू बहुत देर से मिला है मुझे!

वो हल्का सा मुस्करा कर मेरे सीने पर सिर रख कर लेटी रही.

मैंने उसका चेहरा फिर से हाथों में लिया और उसके होंठों पर अपने हाथ रख दिए.
अब हम दोनों बस खो गए थे मानो जन्मों की प्यास बस होंठों से ही बुझेगी. मगर ये प्यास और बढ़ती जा रही थी.

वासना बढ़ने लगी थी.
मैं एक हाथ से उसको चूचियों को बहुत प्यार से मसल रहा था.
मेरी मीना भी बहुत ही प्यार से इस रस में डूबी हुई बस आआह्ह ओह कर रही थी.

अब रुकना मेरे लिए मुश्किल था, मैंने उसको सीधा लिटाया और उसकी टांगों के बीच आ गया.
मीना आंखें बंद करके तेज सांसें ले रही थी.

उसकी चूचियां ऐसे ऊपर नीचे हो रही थीं मानो कोई सिपाही जंग में खड़ा ललकार रहा हो.

कुछ ही देर में आग बढ़ गई और मैंने मीना की एक टांग को कंधे पर रख लिया.

इतनी देर के रोमांस से उसकी सुर्ख गुलाबी रसीली छोटी सी मुनिया बस लंड से मिलने के लिए रोए जा रही थी.

मेरा और उसका दोनों का पहली ही बार था.
चुत की फांकों में सुपाड़ा रख कर मैं दम लगाने लगा और लंड उसकी चुत में घुसाने लगा.

मीना भी अपने चूतड़ ऊपर उठा कर लंड लेने के लिए अपनी तड़प को दिखा रही थी.
पहले ही झटके में दो इंच लंड अन्दर चला गया और मीना की आंखों से टप टप आंसू लुढ़कने लगे.
मैं मीना को किस कर रहा था तो उसकी आवाज निकल न सकी.

फिर मैं उसकी चूचियां पीने लगा, तो वो आह आह करने लगी.

कुछ देर बाद जब वो नॉर्मल हुई तो मैंने एक और झटका लगा दिया.
इस बार मैंने पूरा लंड बाहर खींच कर दो बार शॉट मार दिया था.

अबकी बार मेरे भी लंड का धागा टूट चुका था.
कुछ एक सेकंड को हम दोनों तड़फ गए और मैंने उसकी आवाज निकलने से पहले फिर से किस करना चालू कर दिया.

फिर घमासान शुरू हुआ.
बाहर बारिश का पानी और अन्दर वासना का सैलाब बह रहा था.
शायद दोनों में होड़ लगी थी कि कौन कितना ज्यादा बरसेगा.

कोई दस बारह मिनट की ठुकाई के बाद मीना ने मुझे बहुत कसके जकड़ लिया और मुझे लंड पर गर्म सा महसूस हुआ.

उसकी चुत से निकले लावा की गर्मी ने मुझे भी अपने साथ ही उतार लिया और दस पंद्रह तेज झटकों में मैंने भी सारा ज्वार मीना के अन्दर उतार दिया.

हम दोनों के चेहरे पसीने से लथपथ थे मानो कोई लंबी रेस करके आए हों.
उसने मुस्करा कर मुझे फिर सीने से लगा लिया.

हम दोनों एक बार फिर से चुदाई का मूड बनाने लगे.

उस रात चार बार चुदाई का खेल हुआ और वो पूरी तरह से चुदाई में खुल गई थी.

उसके बाद से ये सेक्स विद ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड का सफर शुरू होकर 2018 तक चला, जिसमें कोई आसन, कोई जगह घर में नहीं रही, जहां हमने सेक्स ना किया हो.
वो बिस्तर पर इतना मस्त खेलने लगी थी कि कभी कभी तो मुझे खुद भी लगने लगता था कि ये साली मुझे पूरा खा जाएगी.

दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, हो सकता है कि कोई गलती हो गई हो, मगर एकदम सत्य घटना है.
बस आपसे अपने उत्साहवर्धन की उम्मीद करता हूं.


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