दोस्तो, मेरा नाम शैलेश है। (काल्पनिक नाम)
मैं हरियाणा में रोहतक के पास एक गांव है, वहाँ का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 21 साल है और हम तीन भाई हैं जिनमें मैं सबसे बड़ा हूं।
मैं देखने में ठीक ठाक हूं, मेरा कद 5’6″ है और मेरे लन्ड का साइज 6 इंच है।
मुझे अन्तर्वासना बहुत पसंद है.
यह हरियाणा सेक्स कहानी तब की है जब मैं अपना डिप्लोमा करके अपने गांव में 2 साल बाद वापिस आया था।
मेरे पड़ोस में एक निकिता नाम की एक लड़की रहती है, वह दिखने में बहुत ही सैक्सी है।
मैं कभी उस पर ध्यान नहीं देता था।
वो भी कॉलेज में बी. काम की पढ़ाई करती है, उसकी उम्र 19 साल है।
उसका फिगर 32-28-32 होगा क्योंकि वो कुंवारी है।
उसका गोरा रंग मानो किसी को भी मोह ले।
उसके घर में उसके मम्मी पापा और उसके दो बड़े भाई थे जिनमें से एक लव मैरिज करके दिल्ली में सेटल हो गया था।
उसके पापा ट्रक ड्राइवर हैं तो अक्सर बाहर ही रहते हैं।
घर में उसका बीच वाला भाई और उसकी मम्मी और वो ही रहते है। शुरू से हम दोनों साथ में ही खेला करते थे।
2020 मार्च में लॉकडाउन लगने के कारण वो भी घर पर ही रहने लगी।
वह कई बार मेरे घर पर आती तो मुझे अजीब तरह से देखती.
पर मैं उस पर ध्यान नहीं देता था।
एक दिन वो मेरे घर पर आई तो उस टाइम मेरे घर पर मैं अकेला था और फोन में यूट्यूब पे वीडियो देख रहा था।
उसने पूछा- शैलेश, तुम्हारी मम्मी कहाँ है?
तो मैंने कहा- वो तो बाहर गई हुई हैं. अगर कुछ काम है तो बता दो, मैं बता दूंगा।
वो बोली- नहीं उन्हीं से काम था।
मैं बोला- ठीक है!
वो बोली- फोन में क्या करता रहता है सारा दिन?
मैंने कहा- कुछ नहीं. ऐसे ही मूवी देखता रहता हूं.
उसने पूछा- कोई गर्लफ्रेंड बनाई बाहर जाकर?
मैंने कहा- गर्लफ्रेंड कहाँ है हमारी किस्मत में!
उसने बोला- हो जायेगी।
यह बात उसने थोड़े अजीब ट्रिक से की.
मैं समझ गया कि ये लडकी कुछ चाहती है।
हमारे पड़ोस में चाची रहती है। उससे मैं बहुत खुला हुआ हूँ जिससे मैं अपने सारी बातें बताया करता था।
तो एक दिन मैंने उस चाची सारी बात बताई और बोला- चाची, निकिता से मेरी सेटिंग करवा दो।
पहले तो उसने मना किया।
फिर मेरे बहुत कहने पर उसने हामी भर दी।
उसने कहा- मैं पूछ कर बताती हूं।
उस रात मुझे नींद नहीं आई क्योंकि आज तक मैंने किसी लड़की को टच नहीं किया था।
2 दिन बाद चाची घर पर आई और बोली- मैंने तेरा काम करवा दिया है.
और उसने मुझे निकिता का नंबर लाकर दे दिया।
मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
चाची ने बताया- शाम को वो कॉल करेगी।
मैंने कहा- ठीक है।
शाम को करीब 6 बजे उसका एक अज्ञात नंबर से मुझे फोन आया.
मैंने पिक अप किया.
तो वह निकिता का ही फोन था।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उससे कैसे बात करूं; मेरे मन में घबराहट सी हो रही थी।
फिर मैंने उससे पूछा- क्या तुम भी मेरे से बात करना चाहती थी?
उसने कहा- हां, मैं तो तुम्हें बहुत दिन से लाइन दे रही थी. पर तुमने कभी नोटिस ही नहीं किया।
मैंने कहा- अच्छा जी, ऐसी बात है क्या!
उस दिन सिर्फ हमारी नॉर्मल बातें हुई।
उसने बताया- कॉल मैं खुद करूंगी, तुम मत करना. मेरा भाई मेरा फोन चेक करता रहता है।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर हमारी डेली बातें होने लगी।
बीच बीच में मैं गंदी बातें भी करता था. उससे उसे भी मजा आने लगा।
और कभी हम घर पर अकेले होते तो सेक्स चैट भी करते थे।
वो कितनी देखने में सुंदर थी, उतनी ही ज्यादा सेक्सी बातें भी करती थी।
एक दिन उसका फोन आया तो मैंने उसे एक मैंने कहा- आज तुम किसी अलग कमरे में सोना. आज रात हम वीडियो कॉल पर बात करेंगे.
उसने बोला- ठीक है।
फिर रात को उसकी वीडियो कॉल आई।
मेरे मन में मानो खुशी की कोई हद ही नहीं थी।
मैंने कुछ देर तो ऐसे ही बात की.
फिर मैंने उससे पूछा- आज तक तुमने कभी सेक्स किया है?
तो उसने मना कर दिया, बोली- नहीं, मैंने आज तक सेक्स नहीं किया।
मैंने कहा- तुम मुझे अपनी चूची दिखा दो!
पर उसने मना कर दिया.
फिर मेरे 2-4 बार कहने से वो मान गई, उसने अपना शर्ट ऊपर करके मुझे चूची दिखाई।
निकिता की नंगी चूची देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया.
मैंने उसे अपना लन्ड दिखा दिया.
मेरा खड़ा लंड देखकर उसकी आंखें खुली की खुली रह गई और बोली- हाय राम … इतना बड़ा?
मैंने उससे कहा- अपनी चूत के दर्शन और करा दे!
फिर उसने अपने सलवार उतार अपनी चूत दिखाई.
उसकी चूत बिल्कुल गुलाबी थी और उसने अपनी झांटें कुछ दिन पहले ही काटी थी.
अब मैंने कहा- अपनी चूचियों को दबाओ!
वो अपने उरोज दोनों हाथों में पकड़ कर दबाने लगी.
कुछ देर बाद उसकी सांसें तेज होने लगी।
मैंने उससे कहा- रूम की लाइट ऑन कर ले!
अब वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी तो उसने लाइट ऑन की.
तब मैंने उसके सारे कपड़े उतरवा दिए. वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी.
अब मैंने उसे उसकी चूत में उंगली करने को बोला.
वो अपनी चूत में धीरे धीरे उंगली डालने लगी।
मैंने तेज करने को बोला तो कहने लगी- दर्द हो रहा है!
अब मुझे पता चल गया कि वो वर्जिन है।
“आह आ … दर्द हो रहा है आ …” वह सिसकारियां भर रही थी।
फिर वो एकदम ढीली पड़ने लगी.
मैं समझ गया कि अब वो झड़ गई है. और उस रात मैंने भी मुठ मारी और फिर हम सो गए।
अगले दिन उसका दिन मैं फोन आया.
तो मैंने पूछा- रात को तुझे मजा आया?
वह खुश होकर बोली- मुझे क्ल रात बहुत मजा आया।
मैं समझ गया कि अब ये कुंवारी लड़की अपनी बुर चुदाई के लिए तैयार है।
पर उस टाइम लॉकडॉउन लगा हुआ था तो कहीं बाहर भी नहीं जा सकते थे।
मैंने कहा- अगर तुम्हें मजा आया तो क्यों ना हम दोनों कहीं बाहर मिलें?
तो उसने हां कर दिया.
अब वो भी बुर चुदाई के लिए उत्सुक हो रही थी.
उसने बोला- कल मेरी मम्मी मेरे मामा के घर पर जा रही हैं। क्यों ना हम हमारे खेत में मिलें?
उनके खेत गांव से 2 किलोमीटर दूर हैं।
उसने कहा- कल मैं अकेली जाऊंगी ज्वार लेने! मैं जाने से पहले तुम्हें कॉल करूंगी। तुम मुझे वहीं पर मिलना।
मुझे शुरू में तो डर लगा।
पर चूत भी तो चाहिए थी.
तो सोचा इतना रिस्क को लेना ही पड़ेगा।
मैंने कहा- ठीक है।
मैं उससे पहले ही उसके खेत में जा कर बैठ गया।
मैंने उससे दूर से ही आती देख लिया. उसे देखते ही मेरा लन्ड खड़ा हो कर सलामी देने लगा।
उसने भी मुझे देख लिया और उसके चहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई।
मैंने चारों तरफ देखा और मैं उसे ज्वार के खेत में ले घुसा।
वह अपने साथ एक ओढ़नी भी लाई थी ज्वार बांधने के लिए!
उस ओढ़नी को हमने नीचे बिछा लिया।
अब हम पूरी तरह से तैयार थे।
मैं सीधा उसके गुलाबी होंठों को पागलों की तरह चूमने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.
फिर मैं अपनी जीभ को उसके मुंह में डाल देता कभी उसकी जीभ मेरे मुंह में आ जाती!
साथ के साथ उसके बोबे भी दबा रहा था।
उसके हाथ मेरे बालों में थे।
अब मैंने उसका एक हाथ लिया और अपने लन्ड पर रख दिया।
उसकी आंखें एकदम चौंधिया गई. और फिर वो मेरे लन्ड को सहलाने लगी।
अब मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और चूत को सहलाने लगा. साथ साथ मैं उसे किस भी कर रहा था।
उसने काले रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी … मानो वो परी जैसी दिख रही हो।
उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
अब मैंने उसके सारे कपड़े निकलवा दिये और अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए।
हम दोनों बिलकुल नंगे थे।
मैंने उसे लन्ड मुंह में लेने को बोला.
उसने मेरे लन्ड के टोपे को मुंह में ले लिया. मैंने पहली बार लन्ड को किसी के मुंह में डाला था. मुझे तो लगा कि मानो मैं स्वर्ग में चला गया हूं।
उस दिन वह चूत बिल्कुल साफ करके आई हुई थी।
अब मैंने भी उसकी चूत चाटनी थी तो हम 69 की पोजिशन में आ गए.
वह मेरा लन्ड चूस रही थी और मैं उसकी कुंवारी बुर चाट रहा था।
मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था और उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकारियां भी निकल रही थी।
अब हम दोनों झड़ने वाले थे।
2 मिनट बाद हम झड़ गए.
मैं उसकी चूत का सारा पानी पी गया. उसकी चूत का स्वाद नमकीन था.
और उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया।
अब हम दोनों लीप किस करने लगे.
थोड़ी देर बाद मेरा लन्ड फिर उठ खड़ा हुआ।
फिर मैंने उसे ओढ़नी पर लेटाया और उसके ऊपर आ गया।
मेरा लन्ड उसकी चूत में जाने के लिए तैयार हो गया था.
मैंने अपना लन्ड उसकी चूत के ऊपर शुरू कर दिया.
वो मानो पागल सी हो रही थी जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी।
फिर वो बोली- अब रहा नहीं जा रहा … डाल दो मेरी चूत में!
तभी मैंने उसकी चूत पर अपना गर्म लंड रखा. पर उसकी चूत टाइट होने के कारण अंदर नहीं जा रहा था.
फिर मैंने थूक लगाया और जोर लगा कर एक झटका मारा.
मेरे लन्ड का टोपा उसकी चूत में चला गया.
वर्जिन होने की वजह से उसे बहुत दर्द हो रहा था और उसकी चूत से खून भी निकल रहा था.
मैं समझ गया कि उसकी सील टूट चुकी है पर मेरे लंड में भी दर्द होने लगा था.
मैंने एक और झटका मारा तो आधे से ज्यादा उसकी चूत में मेरा लन्ड जा चुका था क्योंकि उसकी चूत बिल्कुल गीली हो रही थी।
इतने वो चिल्लाने की कोशिश करती, मैंने उसके होठों से अपने होंठ चिपका दिए और तीसरे झटके में मेरा 6 इंच का लन्ड उसकी चूत में समा गया.
उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.
पर मैं उस पर ध्यान न देते हुए अपना लंड धीरे धीरे उसकी फटी चूत में आगे पीछे करने लगा।
मैं अपने दोनों हाथों से उसकी चूची दबाता रहा।
उसकी चूची मुझे मानो मक्खन जैसी लग रही थी.
अब उसका दर्द कम होने लगा था तो उसे भी मजा आने लगा.
अब वो भी मेरा कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी, जोर जोर से सिसकारियां भी भरने लगी- आह शैलेश … फाड़ दो मेरी चूत!
मैं भी बोला- बहन की लोड़ी … आज मैं तेरी चूत बिल्कुल फाड़ दूंगा।
और मैं जोर जोर झटके मार रहा था।
अब मैंने उसे अपने ऊपर ले लिया और उससे बोला- मेरे लौड़े पर बैठ जा!
वो मेरे लन्ड पर बैठ गई और मजे से उछल रही थी.
मैं मानो जन्नत में था।
वो अब दूसरी बार झड़ने वाली थी पर मेरा अभी बाकी था.
करीब 10 मिनट तक चली जबरदस्त चुदाई के बाद मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपना सारा गाढ़ा माल उसकी चूत में ही निकाल दिया।
5 मिनट तक मैं उसके नंगे जिस्म के ऊपर ही लेटा रहा और उसके बोबे चूसता रहा।
अब मैंने उससे उसकी गांड मारने को बोला.
पर उसने मना कर दिया, बोली- मुझे पहले ही बहुत दर्द हो रहा है. अब अगर पीछे गांड में भी करोगे तो मुझसे चला भी नहीं जायेगा. और मुझे भैंसों के लिए चारा भी तो लेकर जाना है.
तब मैंने कहा- ठीक है।
और मैंने देसी लड़की की गांड चुदाई का विचार फिलहाल के लिए छोड़ दिया.
मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया और मैंने 20 मिनट तक फिर से उसकी चूत चुदाई की।
फिर हम दोनों ने कपड़े पहने, उसे खड़ी होने में थोड़ी दिक्कत आ रहा थी।
उसने कहा- अब तुम घर जाओ. कहीं किसी ने देख लिया तो गलत हो जायेगा. मैं तुम्हें घर जाकर फोन करती हूं.
और फिर मैं अपने घर पर आ गया.
करीब 30 मिनट बाद उसका फोन आया तो मैंने उसे पूछा- तुझे मजा आया आज की चुदाई में?
तो वो शर्मा गई और हंस पड़ी.
मैं समझ गया कि मैंने उसे आज अच्छी तरह से खुश कर दिया।
उसके बाद हमने बहुत बार चूत चुदाई के मजे किए।
अब जब भी वो कभी शहर जाती तो मुझे बता देती और हम बार बार चुदाई के मजे लेते।
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