दोस्तो, मेरा नाम अतुल वर्मा है, मैं प्रयागराज का रहने वाला एक इंजीनियरिंग फाइनल ईयर स्टूडेंट हूं।
मेरे लंड का साइज़ करीब 6.5 इंच है लगभग और मैं दिखने में भी हॉट एंड हैंडसम हूं। ऐसे हॉट एंड हैंडसम लड़के पर तो कोई भी लड़की फिदा हो जाए।
मैं आपको बहुत कामुक और उत्तेजना से भरी हुई कहानी सुनाने जा रहा हूं।
इस न्यूड आंटी सेक्स कहानी में मैंने कैसे एक आंटी को पटाया था और वो मुझसे चुदी थी वो सब बताने जा रहा हूं।
स्कूल के टाइम से ही पोर्न वीडियो देखना और सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद है.
यह घटना तब की है जब मेरा कॉलेज स्टार्ट हुआ था. तब मैं अपने परिवार वालों के साथ किराए के घर में रहता था और तब आसपास उतना कोई किराएदार नहीं रहता था.
लेकिन कुछ दिनों के बाद एक फैमिली वहां पर आई थी।
वे काफी अच्छे लोग लग रहे थे.
तभी मेरी मुलाकात उस परिवार की एक हसीना से हुई, उस आंटी का नाम कविता था.
वह दो बच्चों की मां थी पर दिखने में लगती थी कि अभी अभी जवान हुई है.
आंटी हाउसवाइफ थी।
अंकल बाहर जॉब करते थे इसलिए 2 महीने में कभी-कभी आते रहते थे.
उस समय की बात है जब मैं दोपहर में छत पर टहल रहा था.
तभी मैंने देखा कि आंटी अपनी छत पर कपड़े सुखाने आई हैं.
आंटी की छत और हमारी छत लगभग जुड़ी हुई थी.
तब मैंने देखा कि आंटी थोड़ी भीगी हुई थी मानो तुरंत बाथरूम से निकली हों नहा कर!
जो कपड़े वे फैला रही थी, वे बहुत गीले थे इसलिए कपड़ों का सारा पानी उनके बदन पर और साड़ी में गिरा हुआ था.
उनके दो बड़े बड़े रसीलेदार चूचे पानी से भीगे हुए थे और मुझे आकर्षित कर रहे थे।
चूचे ब्लाउज से बाहर आने के लिए तड़प रहे थे, निप्पल भी दिख रहा था क्योंकि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
उनके दो बड़े-बड़े चूचों को देखकर लग रहा था जैसे दो संतरे लटके हों.
मन कर रहा था कि अभी जाकर उनके दोनों चूचियों को दबा दबा कर उनका सारा रस निचोड़ कर पी जाऊं।
क्या बताऊं दोस्तो … तब मन में तो खूब सारे ख्याल आने लगे.
मैंने उस समय जब आंटी के बड़े-बड़े चूचों और उनकी गोल मटोल हिलती हुई गांड को देखा, तभी से मैंने ठान लिया था कि कैसे भी करके इस आंटी को पटाकर चोदना है।
कुछ दिनों के बाद उन आंटी और मेरी मम्मी की दोस्ती हो गई थी अच्छे से! वे मिलनसार हैं और आंटी का आना जाना लगा रहता था और हमारा आना जाना भी वहां लगा रहा.
मैं आंटी से मिलने के बहाने से हमेशा उनके घर जाता रहता था और उनका गोरा बदन और उनकी मस्त गदराई हुई गांड के दर्शन करता।
आंटी बहुत फ्रैंक थी, उन्हें सब से बातें करना बहुत अच्छा लगता था।
वे मुझे चाय नाश्ता पर बुलाती रहती थी.
मुझे छत पर टहलना पसंद है, जब वे अपने कपड़े सुखाने आती थी, तब मैं उनके जाने के बाद उनकी ब्रा और पेंटी को सूंघा करता था.
जब मैं उनके कपड़े छूता था तो लगता था जैसे मैं उनके गोरे गोरे मखमली बदन को स्पर्श कर रहा हूं।
मैं उनकी ब्रा और पेंटी को सूंघता और मुठ मारता, मैं मेरा सारा पानी उसी में गिरा देता था.
आंटी रोज आकर देखती थी कि यह सफेद सफेद क्या हुआ है कपड़ों में!
उन्हें क्या मालूम कि मैं मुठ मारा करता था और उनके कपड़ों में अपना सारा माल छोड़ देता था।
रोज रात को मैं सोते हुए उन्हें बस चोदने का सपना देखता रहता था.
मैं हमेशा उन्हें चोदने के लिए मौके की तलाश में रहा करता था।
एक दिन मैं सुबह उनसे मिलने गया था उनके घर … क्योंकि उन्होंने मुझे चाय नाश्ता के लिए बुलाया था।
पर घर पर कोई नहीं था उस दिन!
उनके बच्चे स्कूल जा चुके थे रोज की तरह और अंकल तो बाहर ही रहते थे।
तब मैं सोफे पे जाके बैठ गया क्योंकि दरवाजा खुला था बाहर का … और कोई नजर भी नहीं आ रहा था.
फिर मैंने देखा कि आंटी बाथरूम से नहाकर निकली थी और वो सिर्फ तौलिया लपेटे हुई थी।
उनका पूरा बदन भीगा हुआ था.
वो हॉल में आई अपना फोन लेने के लिए … और तभी अचानक उनका तौलिया उनके बदन से फिसलकर गिर गया।
ये सब देख कर मैं हैरान हो गया … मेरे तो होश ही उड़ गए।
वो दृश्य देखने लायक था. अब वो पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और उनके शरीर का हर एक अंग साफ साफ़ नज़र आ रहा था।
न्यूड आंटी की झांटों के बाल भी साफ़ साफ़ नज़र आ रहे थे।
उन्होंने ट्रिम कर रखा था और उनके चूतड़ों का रंग गुलाबी था. आंटी के कूल्हे एकदम गुलाबों की पंखुड़ियों की तरह नर्म नर्म मालूम पड़ रहे थे.
न्यूड आंटी के जो गोल-गोल बड़े-बड़े मुलायम चूचे लटक रहे थे … मन कर रहा था कि जाकर आंटी की चूचियों को चूस लूं सारा दूध पी जाऊं।
आंटी को बहुत शर्म आ रही थी.
वे कमरे में चली गयी कपड़े पहनने!
फिर कमरे से बाहर निकल कर उन्होंने मुझसे सॉरी कहा और कहा- प्लीज, यह बात किसी को ना बताना!
पर मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे. दिल में तो खलबली सी मच उठी थी कि आखिरकार मैंने इस सुंदरी के नग्न रूप के दर्शन कर ही लिए.
क्या बताऊं दोस्तो … आंटी काफी सेक्सी लग रही थी।
अगले दिन सुबह मेरे घर वाले सब बाहर गए हुए थे कुछ काम से!
तब मैं घर पर अकेला था और आंटी के घर में हुई उस घटना के रंगीन पलों को याद करते हुए जोर-जोर से लंड को हिला हिला के मुट्ठ मार रहा था आंगन में खड़े होकर!
तभी अचानक आंटी ने मुझे देख लिया और पूछने लगी- अरे … यह क्या कर रहे हो?
तब मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे, मैं बहुत शर्मिंदा महसूस कर रहा था.
मैं सिर झुका कर खड़ा हो गया.
मैंने आंटी को सॉरी बोला.
इस पर उन्होंने कहा- कोई बात नहीं!
और उनके चेहरे पर एक मुस्कुराहट सी थी.
मैं तुरंत समझ गया कि ये आंटी चुदक्कड़ टाइप की हैं और इनकी वासना भड़क उठी है, ये मुझसे चुदवाना चाहती हैं।
फिर उन्होंने मुझे अपने घर पर बुलाया.
उस वक्त वह बिल्कुल अकेली थी.
मैं उनके घर गया और देखा कि वे टीवी पर पोर्न वीडियो देख रही थी.
तो मैं समझ गया कि वे फुल ठुकाई करने के लिए रेडी है, मेरा इंतजार कर रही है.
मेरे आते देख उन्होंने टीवी बंद कर दिया और मुझे सोफा में बैठाया और मुझे जूस पिलाया उन्होंने!
फिर वे पूछने लगी- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं, अब तक तो कोई बनी नहीं. आप जैसी कोई सुंदर लड़की मिली ही नहीं।
वे हंसने लगी- सच में क्या मैं इतनी सुंदर हूं तुम्हारे लिए?
मैंने कहा- हां, आप जैसे हसीन और सुंदर औरत तो मैंने देखी ही नहीं कहीं! आप बहुत हॉट भी हो!
यह सब सुनकर उनके मन में आग से लगने लगी वह चूत चुदवाने के लिए मचलने लगी थी.
ऐसा लग रहा था मानो बहुत दिनों से किसी के लंड की प्यासी है।
उसकी आंखों में कामेच्छा, वासना साफ-साफ झलक रही थी।
मैंने भी उनके रंग रूप की तारीफ करते हुए उनकी जांघों को सहारना शुरू कर दिया था और हल्का हल्का उनके चूचों को दबाना शुरू कर दिया.
फिर उन्होंने झट से मेरा हाथ पकड़ा और कहा- मुझे ही अपनी गर्लफ्रेंड बना लो … मुझे एक रंडी की तरह चोद दो, मुझे अपनी बना लो।
बस फिर क्या था … मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उनको अपनी बांहों में भर लिया।
उनका चेहरा मेरी आंखों के करीब था और मैं अपने होठों को उनके होठों में रखकर उनको चूमने लगा.
आंटी भी खूब साथ दे रही थी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था उन्हें जोर से चूमने में!
हम अलग अलग पोजीशन में एक दूसरे को चूमने लगे।
इसके बाद मैं उनके पूरे शरीर को चूमने लगा. उन्होंने मेरा हाथ अपने ब्लाउज में घुसा लिया।
उन्होंने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी काफी हॉट लग रही थी वे!
मैं उन की चूचियों को मसलने लगा.
फिर धीरे से मैंने उनके ब्लाउज का हुक खोल दिया.
उन्होंने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी. ये सब देखकर काफी आनंद आ रहा था।
मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी. फिर मैंने जोर-जोर से उनके चूचों को दबाना शुरू किया और उनके चूचे चूसने लगा. खूब देर तक आंटी के चूचे चूसे मैंने!
उनकी सिसकारी एक निकलने लगी.
मैंने लगभग 10 मिनट तक उनके चूचे का दूध पिया।
मुझे तो जैसे जन्नत का सुख मिलने लगा था. काफी बड़े बड़े चूचे थे और बहुत मुलायम भी निप्पल को चूसते ही रहा था।
उनकी सिसकारियां काफी बढ़ गई थीं- आहह … आहह … उमम … उइई ईईई.. ओहह ओहह उहह!
अब उन्होंने अपनी साड़ी उतारी और मैंने भी अपने सारे कपड़े उतारे.
वे मेरे लंड को सहलाने लगी.
मैंने अपना लंड उनके मुंह में रखा और जोर से अंदर कर दिया.
उनका पूरा मुंह भर गया. मैं जोर जोर से अंदर बाहर करता रहा, आंटी थूक लगा लगाकर उसे चूसने लगी.
करीब 5 मिनट तक वे मेरा लंड चूसती रही। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और बिस्तर में ले जाकर लेटा दिया.
अब मैंने उनकी टांगों को फैलाकर उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया था.
वे काफी जोश में थी, वे अपनी चूचियों को जोर जोर से दबाने भी लगी।
कुछ देर में हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए.
आंटी मेरा लंड मजे से चूसने लगी मुंह में लेकर … और मैं उनकी गांड को कस कस के मसलते हुए उनकी गीली चूत में अपनी जीभ को डाल कर अंदर-बाहर करने लगा।
कुछ ही देर में उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं आंटी की चूत का सारा रस पी गया.
अब उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ … उन्होंने कहा- अब अपने घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुसा दो और मुझे चोद चोद कर अपनी रानी बना लो।
फिर मैंने आंटी को पीठ के बल लेटाकर उनकी टांगों को फैला दिया।
अब अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ के जोर के धक्के के साथ पूरा का पूरा अंदर कर दिया।
वे ‘आआहह … आहह … उहह … हाय मैं मर गई!’ ऐसे जोर जोर से चिल्लाने लगी.
‘आहह उमम … ओहह …’ मैं जोर जोर से धक्के मारता रहा.
‘ओहह … आहह … आहह उइइ!’ आंटी काफी एन्जॉय कर रहीं थीं.
फिर मैंने आंटी को अपने ऊपर बैठाया और जोर जोर से चोदने लगा- आहह … आहह आहह आहह ओहह ओह!
कुछ देर के बाद हमने पोजीशन चेंज किया, मैं हर तरह का पोजीशन सीखा हुआ था।
अब आंटी का चेहरा मेरे सामने था, मैं उनकी गांड मसल मसल कर चोदता रहा और चोदते चोदते उनका चुम्बन करने लगा.
वो भी उछल उछल कर चुदती रही।
मैं उनकी चूचियों को दबा कर चूसने लगा खूब!
फिर मैं उन्हें डॉगी स्टाईल में धक्के मार मारकर चोदने लगा.
उनकी सिसकारियां निकल रही थी- आआहह आआ हहह आहह … आहह अईई … उइई ईईई … आह … ओहह ओहह उम्म!
खूब पलंगतोड़ चुदाई की मैंने उस दिन!
फिर कुछ देर में हम दोनों झड़ गए, मैंने अपना सारा वीर्य उनके मुंह में डाल दिया और उनकी चूत का सारा पानी पी गया।
मैं और आंटी कुछ देर बिस्तर में लेटने के बाद कपड़े पहनकर रूम में आ गए.
तब आंटी ने मुझे शुक्रिया कहा और कहा- तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है. मैं पहली बार ऐसे लंड से चुदी हूँ! बहुत मजा दिया तुमने!
और उन्होंने ये भी कहा- बहुत दिनों के बाद ऐसे चरम सुख की प्राप्ति हुई।
अंकल बाहर रहते थे इसलिए उन्हें खुश नहीं रख पाते थे।
फिर आंटी ने कहा- तुमने मुझे बहुत मजा दिया है. मैं अब तुम्हारी हूं, तुम जब चाहो मेरे साथ सेक्स के मजे ले सकते हो।
तब से जब भी मुझे मौका मिलता है मैं उन्हें खूब चोदता हूं, घर के कोने कोने में चोदता हूं।
0 Comments