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साले की मिसेज मेरे लंड के लिए बेचैन

  


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम जय कुमार है और मैं राजस्थान में रहता हूं.

आज मैं जो सेक्स आपको कहानी सुनाने जा रहा हूं, वह कहानी मेरी खुद की है कि कैसे मैंने एक शादीशुदा लड़की के साथ संभोग किया.

यह Xxx फॅमिली पोर्न कहानी आज से कुछ दिन पहले की है.
मैं उस दिन किसी काम से जयपुर गया था. जयपुर में जिस जगह मैं गया था, वहां मेरा साला भी रहता है.

जब मैं वहां पर अपना काम करने के बाद फारिग हुआ तो मैं अपने होटल जा रहा था.
उस वक्त मुझे मेरे साले की बीवी रोड पर आती हुई दिखी.
उसने भी मुझे पहचान लिया था और मैंने भी उसे पहचान लिया था.

मैं उसके पास गया और उससे नमस्ते की.
उसने भी मुझे नमस्ते की और मुझसे पूछने लगी- आप यहां कैसे आए, क्यों आए आपने अपने आने का बताया ही नहीं.

मैंने उसे बताया- मैं यहां पर अपने ऑफिस के काम से आया हूं और आज और कल मैं जयपुर ही रहूंगा.
वो मुझसे कहने लगी- आप हमारे घर चल कर रुकें न!

लेकिन मैंने उससे कहा कि मैंने होटल में कमरा बुक करवा लिया था और उसकी पेमेंट भी कर दी है. होटल मुझे मेरी पेमेंट वापस नहीं लौटाएगा इसलिए मुझे होटल में ही रहना होगा.
उसने मुझसे कहा- आप भले दो दिन में होटल में रुक जाएं, लेकिन दिन में आप हमारे यहां आ जाइएगा.

उसने बातों ही बातों में मुझे यह भी बताया कि उसका पति यानि मेरा साला भी किसी काम से दिल्ली गया हुआ है और वह भी 2 दिन बाद ही आएगा.
इसलिए उसने मुझसे आग्रह किया कि आप हमारे यहां रुकें.

उसने मुझसे बहुत जिद की तो मैंने उससे हां कह दिया और कहा कि मैं दिन में आपके यहां रुक जाऊंगा. दिन में खाना आपके साथ ही खाऊंगा और दिन का पूरा समय मैं आपके साथ ही रहूँगा.

यहां मैं आपको मेरे साले की बीवी का नाम बता देना चाहता हूँ. उसका नाम अर्चना है.

वह एक निहायत ही खूबसूरत लड़की है. उसकी अभी एक साल पहले ही मेरे साले के साथ शादी हुई है.
अर्चना की आंखें बहुत सुंदर है, लंबे बाल हैं वह स्लिम है और उसके दूध बहुत ही जबरदस्त हैं जो हमेशा उसके ब्लाउज में से बाहर आने को तड़प रहे होते हैं.

जब वो साड़ी पहनती है तो उसकी नाभि साफ़ दिखती है. उसकी मदमस्त जवानी को देख कर अच्छे अच्छों का लंड खड़ा हो जाता है.
मेरा भी उसे देख कर लंड खड़ा हो गया था.

ये आज ही नहीं हुआ था, पहले जब भी मैंने उसे देखा होगा, हर वक्त मेरा लंड उसको देख कर खड़ा हो जाता था.
मेरा मन हमेशा करता है कि उसके साथ एक रात गुजारूं.

आज मुझे लग भी रहा था कि शायद आज मेरी तमन्ना पूरी हो सकती है.
उसके बाद में अर्चना के साथ उसके घर चला गया.

उसके घर पर वो अकेली ही थी. उनका मकान दो मंजिला था, जिसमें नीचे का मकान उन्होंने एक परिवार को किराए पर दे रखा था.
ऊपर के हिस्से में वो दोनों खुद रहते थे.

मैं उसके घर जाकर बाहर वाले कमरे में बैठ गया.
वह भी मेरे साथ बैठ गई और मेरे साथ बातें करने लगी.

कुछ देर तक हम दोनों बातें करते रहे थे.

इतने में उसने मुझसे कहा- मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं.
वो चाय बनाने चली गई और मैं टीवी चालू करके टीवी देखने लगा.

उस दिन टीवी पर राजा हिंदुस्तानी मूवी आ रही थी.
मैं मूवी देख रहा था.

थोड़ी देर बाद अर्चना चाय लेकर आ गई.

मैं उसे देख कर एकदम से भौचक्का रह गया.
अर्चना ने अपने कपड़े चेंज कर लिए थे.

जब वह चाय बनाने गई थी उस वक्त तो वो क़यामत लग ही रही थी मगर तो वो पूरी आग का शोला लग रही थी.
इस वक्त उसने एक मैक्सी पहन ली थी जिसमें उसके बदन का एक एक कटाव साफ़ साफ़ नुमाया हो रहा था.

सच में इस मैक्सी में वह बहुत ही जबरदस्त माल लग रही थी और उसके दूध हिल हिल कर मेरे लंड की मां चोदने पर तुले हुए थे.

उसकी गोरी गोरी जांघें पतले कपड़े की इस मैक्सी में से आर-पार दिख रही थीं.
मैक्सी का गला भी बहुत बड़ा था और पीठ भी बहुत ज्यादा खुली थी.

यह सब देख कर मैं एकदम मदहोश हो गया और उसे देखता ही रह गया.

वह मेरे पास आकर बैठी और उसने मेरे लिए चाय का कप रखा, एक कप खुद के लिए भी सरका लिया.
हम दोनों बातें करने लगे.

इतनी देर में राजा हिंदुस्तानी मूवी में करिश्मा कपूर और आमिर खान का किस सीन चालू हो गया.
अर्चना उसकी सीन को बड़े गौर से देख रही थी और मैं अर्चना को देख रहा था. अर्चना अपने होंठों को दबा रही थी.

उसे मालूम ही नहीं चला कि उसका एक हाथ उसकी चूत के ऊपर जा चुका है और वह उसे मसल रही थी.

मैं भी उसे बड़े गौर से देख रहा था.

तभी अचानक से अर्चना का ध्यान मुझ पर गया और वो एकदम से सकपका कर शर्मा गई.

मैंने अर्चना से पूछा- तुम यह क्या कर रही थीं … और क्यों कर रही थीं. विनोद सिर्फ दो दिन के लिए ही तो दिल्ली गया है. मुझे पता है कि तुम्हें उसकी बहुत याद आ रही है लेकिन यह सब क्या?

उसने अपनी आंखें नीचे झुका लीं और उसकी आंखों में आंसू आ गए.

मैं एकदम से घबरा गया कि यह क्या हुआ. मैं अर्चना के पास जाकर बैठ गया.

अर्चना की आंखों से आंसू लगातार बह रहे थे.
मैंने उससे कारण पूछा तो वो कुछ नहीं बोली.

मुझे कुछ ऐसा लगा कि विनोद उसे चोदता नहीं है या उसकी सही से चुदाई नहीं हो पाती है.
मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसके कंधों पर हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींचा.
अर्चना मानो यही चाहती थी.

वो अपने आप मेरे सीने पर अपना सर रख कर मेरी गोद में आ चुकी थी. वो अभी भी रो रही थी.

मैंने उससे जोर देकर पूछा तो वह कहने लगी- मेरे पति का बाहर किसी के साथ चक्कर है. वो रोज शराब पीकर घर आते हैं और खाना खाकर सीधे सो जाते हैं. पिछले 4 महीने से मुझे शांति नहीं मिली है. मैं परेशान हो चुकी हूं. आप ही बताओ मैं क्या करूं.
मैं उसकी तरफ देखता रहा.

वो आगे बोली- कभी-कभी मन करता है कि किसी से अपनी चुदाई करवा लूं, लेकिन डरती हूं कि कहीं जमाना मुझे रंडी ना समझ ले, इसलिए अपने ही में ही खोई रहती हूं. आज भी जब मूवी पर यह सीन आ रहा था तो मैं एकदम से खो गई थी.

मैंने अर्चना के मुँह से चुदाई करवा लूं सुना तो समझ गया कि ये खुद मेरे लंड से चुदना चाहती है.

मैंने उसको अपने और पास खींच लिया, फिर अर्चना का चेहरा ऊपर किया.
अर्चना का चेहरा बिल्कुल ठीक मेरी आंखों के सामने था, मेरी और उसकी आंखें एक दूसरे दिन मिल चुकी थीं.

उसकी आंखों में मुझे हवस की भूख नजर आ रही थी.

मगर दोस्तो, इसे हवस नहीं कहना चाहिए, इसे मैं जरूरत कहूँगा. हर औरत मर्द की सेक्स एक जरूरत होती है.
उसकी वह जरूरत अगर पूरी ना हो, तो इंसान कुछ भी करने को तैयार हो जाता है.

मैं लगातार उसकी आंखों में देखे जा रहा था और कब हम धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आने लगे, यह हमें भी नहीं पता चला.

मेरे होंठ उसके होंठों पर चिपक गए.
हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे.
वह तो जैसे पागल हो चुकी थी.
उसने मुझे होंठों पर, गालों पर, मेरे कान, मेरे गले पर, सब जगह मुझे चूमना शुरू कर दिया.

वह इतनी उतावली हो गई थी कि उसने कुछ भी नहीं देखा. बस मेरे लौड़े पर हाथ रख दिया.

मैं समझ चुका था कि आप दोनों तरफ लगी हुई है.
उसकी आग मुझसे ज्यादा है क्योंकि मैं तो अपनी बीवी और गर्लफ्रेंड को चोदता ही रहता हूं.

उसने अपने नर्म हाथों से मेरे लौड़े को मेरी पैंट के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दिया.
मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए उसकी मैक्सी के अन्दर हाथ डाल दिया.
मैं उसके नर्म नर्म मम्मों को दबाने लगा.

मेरे हाथों का स्पर्श पाकर वह मचलती चली गई और अपनी उसने मैक्सी को उतार फेंका.
आह क्या नजारा था.

मैंने देखा कि उसने नीचे पैंटी नहीं पहन रखी थी, अन्दर ब्रा भी नहीं थी.

मैं समझ गया था कि यह मुझे देखकर यहां क्यों लेकर आई है क्योंकि उसे मेरे लौड़े का स्वाद जो चखना था.

मैं उसके मम्मों को दबाए जा रहा था और वह नागिन सी मचलती चली जा रही थी.
मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और अपने एक हाथ की उंगली उसकी चूत में डाल दी.

वह एकदम से सिहर उठी.

मैंने देखा कि मेरी पूरी उंगली चूत में जा चुकी है और वह एक बार झड़ कर फ्री हो चुकी है.
मगर मैंने फिर भी उसकी चूत में उंगली को पेलना चालू रखा.

मेरी उंगली चलने से वह बहुत ज्यादा मचल रही थी और अपने हाथ से मेरे लौड़े को पकड़ना चाह रही थी.
मैं उसके ऊपर 69 में लेट गया और मैं अपने लौड़े को उसके मुँह के पास ले गया.
उसकी चूत के पास मेरा मुँह था.

यह पोजीशन मेरी फेवरेट है.
मैंने अपना लौड़ा उसके मुँह में दे दिया और उससे चुसवाना शुरू कर दिया था.

साथ ही साथ मैं भी उसकी चूत चाट रहा था.
उसकी चूत में से निकल रहा गर्म गर्म शहद मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.

कुछ देर ऐसे ही करते करते उसने मुझसे कहा- अब आ जाओ, देर ना करो.
मैंने उसकी बात मानी और मैं सीधा होकर उसके ऊपर चढ़ गया. मैंने अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रखा और अन्दर घुसाने का प्रयास किया.

मैं हैरान था कि मेरा लंड उसकी चूत में जा ही नहीं रहा था.

मैंने उससे पूछा- विनोद तुम्हारी चुदाई नहीं करता क्या?
उसने मुझे बताया- शादी के बाद अभी तक उसने मुझे सिर्फ तीन चार बार ही चोदा है. पिछले 4 महीने से तो चोदा ही नहीं है. अब आप ही बताओ मैं क्या करूं. मैं अपनी चूत में कभी खीरा डाल लेती हूं तो कभी नकली लंड डाल लेती हूँ.
मैंने पूछा- नकली लंड मतलब?

उसने बताया कि उसने एक रबर का नकली लंड ऑनलाइन मंगा लिया था. उसे वो चूत में डाल लेती है.

लेकिन नकली लंड या खीरा मूली से उसकी चूत की प्यास नहीं बुझती. चूत की प्यास तो असली के लौड़े से ही बुझती है. जब मर्द औरत को रगड़ता है तब ही शान्ति मिलती है.

मैंने कहा- अब तुम चिंता मत करो. मैं तुम्हारी प्यास बजा दूंगा. बस तुम घबराना मत अर्चना. तुम्हें थोड़ा दर्द भी होगा क्योंकि मेरा लौड़ा थोड़ा मोटा ज्यादा है.
वो लंड पकड़ कर बोली- हां जीजू, आपका लंड लंबाई में भी शानदार है. शायद ये 7 इंच का है न.

मैंने कहा- एक बार चूत में ले लो. चूत खुद नाप लेगी कि लंड कितना लम्बा और मोटा है.
वो हंस दी.

अब मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और उसकी चूत में लंड घुसाने लगा.

मेरा लौड़ा अभी थोड़ा सा ही गया था कि उसकी चीख निकल पड़ी और वह मुझसे अलग होने के लिए छटपटाने लगी.
कहने लगी- निकालो इसे बाहर, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- रुको अभी निकालता हूं.
अपने लौड़े को मैंने उसकी चूत से निकालने की बजाए एक ही शॉट में एक और बड़ा झटका दे डाला.

अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में था और वह रो रही थी.
उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे और उसकी चूत से भी खून आने लगा.

मैंने यह सोचा कि जब यह 4 बार चुद चुकी है तो खून क्यों आ रहा है.
मैंने उससे पूछा- तुम्हारी चूत से खून क्यों आ रहा है. क्या तुम्हारे पति ने तुम्हें ढंग से नहीं चोदा?

उसने कहा- नहीं, मेरे पति का लंड बहुत छोटा सा है, जिससे मुझे आराम नहीं मिलता. उसने मुझे चार बार चोदा जरूर है मगर सही से अन्दर ही नहीं गया था. घुसाते ही एक मिनट से कम समय में उसका माल निकल जाता है. वह टिकता ही नहीं है, इसलिए शायद मेरी चूत से खून आया हो.

अर्चना अभी भी रोए जा रही थी वह मुझसे मिन्नते कर रही थी- लंड बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
लेकिन अब मैं कहां सुनने वाला था और कहां रुकने वाला था.

मैंने उसकी चूत में लंड को अन्दर बाहर अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था.

कुछ देर के बाद उसको भी थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा था.

इसी बीच मुझे ऐसा लगा कि शायद उसे अब दर्द नहीं हो रहा है.
बस मैंने अपने बचे हुए लौड़े को भी एक और बड़े झटके के साथ उसके अन्दर उतार दिया.

अबकी बार तो वो मुझे लात मारने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसकी टांगों को पकड़ लिया और झटकों की स्पीड तेज कर दी.
तकरीबन एक मिनट बाद वह भी अपनी गांड को उचका उचका कर मेरे लंड का आनन्द लेने लगी थी.

उसे काफी मज़ा आ रहा था.

अब तो आह आह करती हुई चिल्लाने लगी थी- और जोर से करो और जोर से करो.

तकरीबन 15 मिनट मैंने उसकी चुदाई की,
इस 15 मिनट की चुदाई के दौरान वह एक बार फ्री हो चुकी थी लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था.

मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे उल्टा कर दिया. मैंने उसकी गांड का छेद देखा, जो जरा सा था.

उसने मुझसे पूछा- आप क्या करना चाह रहे हो?
मैंने कहा- आज मैं तुम्हें वह मजा दूंगा, जो आज तक तुम्हें किसी ने नहीं दिया होगा … और ना कभी कोई दे पाएगा. तुम टेंशन ना लो बस चुदाई का आनन्द लो.

मैंने उसकी गांड पर बहुत सारा थूक डाला और उंगली से धीरे-धीरे उसकी गांड को ढीली करने लगा.
जब उसकी गांड थोड़ी ढीली हो गई तो उसकी गांड में मैंने पास में रखा हुआ नारियल का तेल डाल दिया.
वो समझ गई कि अब गांड फाड़ने की तैयारी है.

वो डर कर बोली- आप करना क्या चाहते हैं?
मैंने कहा- रुको, अभी मजा आएगा.

मैंने लंड का टोपा उसकी गांड के छेद में फंसाया और उसकी जांघों को पकड़ कर एक ही झटके में पूरे लौड़े को उसकी गांड में उतार दिया.
वह एकदम से चिल्ला उठी और भागने को हुई.
लेकिन वह भाग नहीं सकती थी क्योंकि मैंने उसे टाइट पकड़ रखा था.

अब मैंने उसकी गांड में नारियल का ज्यादा सा तेल टपकाया और लंड अन्दर बाहर करने लगा.

दो ही मिनट बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वह भी बोलने लगी ‘आह और करो और करो …’

तकरीबन 10 मिनट बाद मुझे ऐसा लगा कि मैं अब फ्री होने वाला हूं तो मैंने अपने लौड़े को उसकी गांड से बाहर निकाला और एक कपड़े से पौंछा उसके मुँह के पास ले गया.

मैंने उससे कहा- ले छोरी, इसे चाट ले.
उसने मेरे लंड को चाटना चालू कर दिया और मेरी आंडों को सहलाने लगी.

अर्चना मेरे लौड़े को ऐसे चूस रही थी, जैसे आइसक्रीम चूस रही हो.

थोड़ी देर चूसने के बाद मुझे लगा कि अब मैं निकलने वाला हूं, तो मैंने उससे कहा- मेरे लौड़े का पानी निकलने वाला है, बता कहां निकालूं?
उसने इशारे से कहा कि सारा रस मेरे गले में उतार दो, मुझे इस अमृत को पीने दो.

मैंने ऐसा ही किया और लौड़े का सारा पानी उसके मुँह में डाल दिया.
उसका मुँह वीर्य से पूरा भर चुका था और वो उसे एक ही बार में गटक गई थी.

अब मैं भी काफी थक चुका था.
वह भी काफी थक चुकी थी.
Xxx फॅमिली पोर्न के बाद हम दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही नंगे लेटे रहे.

उसके बाद मैं उठा और बाथरूम में नहाने चला गया.
थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा कि हॉल से कोई किसी की आवाज आ रही थी तो मैंने बाथरूम से झांक कर देखा.
उधर कोई लेडी आई हुई थी जो अर्चना से बात कर रही थी.

मुझे ऐसा लगा कि वह अर्चना को डांट रही थी.
मैंने फटाफट कपड़े पहने और बाहर आ गया.

मेरे बाहर आते ही उस लेडी ने मुझे देखा और अर्चना से बोली- यही है क्या वह, जिसके बारे में तुम मुझे बता रही थी?
अर्चना ने हां में सर हिला दिया.

उस औरत ने मुझे तिरछी निगाहों से देखा तो मुझे ऐसा लगा कि उस औरत को भी लंड की प्यास है.
उसने मुझसे हाथ मिलाया और काफी देर तक मेरे हाथ को छोड़ा ही नहीं.

फिर जब छोड़ा तो मुझे ऐसा लगा कि वह मुझे चुदाई का न्यौता दे रही है कि तुम भी मेरे साथ भी ऐसा करो.
मगर वह हाथ मिला कर चली गई.

तब अर्चना ने मुझे बताया- ये मेरी किराएदार है, इसका पति विदेश में नौकरी करता है. उस वजह से दो साल में एक बार आता है और तब इसकी चुदाई करता है. यह भी मेरी तरह से परेशान है, लेकिन डरती है. घर में इसके साथ सास ससुर रहते हैं तो वो किसी किसी से चुदाई नहीं करवा पाती है.

मैंने पूछा- ये तुमसे क्या कहने आई थी?

अर्चना हंस दी, मैं समझ गया.
मैंने कहा- आज रात इसे भी बुला लो. इसे भी खुश कर दूंगा.
अर्चना मेरे सीने से लग गई.


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