नमस्कार दोस्तो, मैं राज अपनी सेक्स कहानी लेकर आया हूं। यह मेरी पहली अन्तर्वासना फॅमिली सेक्स कहानी है। इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी भांजी की चुदाई की।
कहानी शुरू करने से पहले आप मेरे बारे में थोड़ा जान लें।
मेरी उम्र 35 साल है, मैं 7 इंच लम्बे लण्ड का मालिक हूँ और मुझे अपने से कम उम्र की लड़कियां चोदने में बहुत मजा आता है।
मेरी भांजी नीतू, जो कि मेरे दूर के रिश्ते में मेरी बहन की बेटी है, काफी मॉडर्न है और उसके हुस्न के सब दीवाने हैं।
उसका गोरा रंग, मोटी मोटी आंखें, पतली कमर और गुलाबी होंठ सबको अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
नीतू मेरे साथ काफी घुली मिली हुई है और अपने मन की सब बात मुझे बताती है।
उसकी शादी हुई और शादी के 2 महीने बाद पति से झगड़ा हुआ और वो मायके आ गयी।
घर आने के बाद उसने मुझे भी इस बारे में बताया।
वो बताते हुए मेरे सामने रोने लगी; कहने लगी कि उसका पति उसको बिल्कुल भी प्यार नहीं करता है।
फिर वो कहने लगी कि अगर आप जैसा पति मुझे मिला होता तो बहुत अच्छा होता।
मैंने कहा- मुझमें ऐसा क्या देख लिया तुमने?
वो बोली- आपका मिजाज मुझसे बहुत मिलता है।
फिर कुछ दिन बात होती रही और एक दिन मैंने उसको कह दिया- तुमको पति प्यार नहीं करता तो क्या हुआ … तुम्हारा मामू तो करता है!
इस पर वो बहुत खुश हुई और रोज बात करने लगी।
अब हमारे बीच में बहुत बातें होने लगीं।
मैंने एक दिन उससे पूछा- नीतू … तुम्हारी तो नयी-नयी शादी हुई है, पति की कमी महसूस नहीं होती क्या तुम्हें? सेक्स करने का दिल नहीं करता क्या तुम्हारा?
वो बोली- करता तो बहुत है मगर क्या करूं … किसके साथ करूं?
तो मैंने कहा- मेरे साथ!
वो खुश होकर बोली- सच?
मैंने कहा- हां!
फिर वो बोली- मगर हम करेंगे कहां?
मैंने कहा- मैं कुछ प्लान बनाता हूं।
नीतू ब्यूटी पार्लर का काम जानती थी और शादी में भी बुकिंग पर जाती थी तो हमने प्लान बनाया कि दीदी को ये कहूंगा कि मेरे दोस्त की बहन की शादी में उसको तैयार करना है और 2100 रूपये मिलेंगे।
इस पर दीदी ने हाँ कह दी और मुझे नीतू के साथ जाने को बोल दिया।
हमारे प्लान के मुताबिक हमने जो दिन बताया था उसी दिन पास के शहर में रूम बुक किया और चल पड़े।
मैंने बाइक पर नीतू को बिठाया और 50 किलोमीटर दूर होटल में जा पहुँचे।
चेक इन करके हम रूम में गए और दरवाजा लॉक कर लिया।
अंदर जाते ही नीतू ने मुझे कसकर पकड़ लिया और ‘आई लव यू’ बोलते हुए मेरे कानों के पीछे किस करने लगी।
मुझे उसके छोटे-छोटे मगर सख्त बूब्स पीठ पर महसूस हुए।
मैंने उसे अपनी बाँहों में भर कर बेड पर लिटाया और उस पर लेट गया।
मैं उसे होंठों पर चूमने लगा और गालों, आँखों, माथे, जहाँ चाहा किस करता रहा।
उसको भी जैसे सब्र नहीं हो रहा था; वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी। वो जैसे दो मिनट में ही पूरा मजा लेना चाहती थी।
उसने मेरी शर्ट के दो बटन खोले और मेरी छाती में चूमने लगी।
मुझे उसके नर्म नर्म होंठों का चुम्बन अपनी छाती पर बहुत अच्छा लग रहा था।
फिर उसने मेरी पूरी शर्ट उतार दी और मुझे नीचे लिटा लिया।
वो मेरी छाती के निप्पलों को चूसने लगी।
मुझे मीठा मीठा और गुदगुदा सा आनंद आने लगा जिससे मेरी आंखें बंद हो गईं।
नीतू के चूसने के लहजे से ऐसा लग रहा था जैसे कि उसको उसके पति ने मर्द के जिस्म का प्यार दिया ही नहीं।
वो मेरे बदन को बड़े प्यार से चूस रही थी।
मेरे लंड में कस कसकर झटके लग रहे थे जो नीतू की गांड पर टक्कर मार रहे थे।
वो कई मिनट तक मेरे निप्पल्स के साथ खेलती रही।
फिर मैंने उसे नीचे पटक लिया।
अब मैंने उसके टॉप को उतारा और उसको ब्रा में कर दिया।
मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसके चूचों को मसला और उसको होंठों पर किस करने लगा।
मैं जोर जोर से ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को मसल रहा था और अब उसके मुंह से आह्ह … आह्ह … इस्स … करके मादक सिसकारियां निकलना शुरू हो चुकी थीं।
वो धीरे धीरे अब चुदासी होती जा रही थी।
मैंने जी भर कर उसकी चूचियों को दबाया और भींचा।
वो मदहोश सी होने लगी थी।
फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसकी चूचियों को नंगी कर दिया।
उसकी चूचियां एकदम से लाल हो गई थीं। मैंने बहुत जोर से दबाया था उसके बूब्स को!
उसके बाद मैं उसकी चूचियों को पीने लगा।
खुद को मैं तो बहुत किस्मत वाला सोच रहा था कि एक शादीशुदा होकर भी कुंवारी जैसी लड़की के जिस्म को भोगने का मौका मिल रहा है।
मैं उसको आज शादी के बाद का सुख देना चाहता था; उसकी प्यास को पूरी तरह से शांत करना चाहता था।
फिर मैंने उसकी ट्राउजर भी उतार दी। उसको मैंने निकाल कर उसकी टांगों से एकदम अलग कर दिया और उसको एक तरफ डाल दिया।
अब नीतू केवल पैंटी में रह गयी थी।
पैंटी में से मेरी भांजी की चूत फूली फूली लग रही थी। लाल पैंटी थी जो उसकी चूत पर पूरी कसी हुई थी।
उसकी पैंटी में उसकी चूत की शेप एकदम से साफ देखी जा सकती थी। उसकी चूत की दोनों ही फांकें मैं साफ देख सकता था जिनके बीच में से एक गीलापन उसकी पैंटी को गीली कर चुका था और वहां पर गीला धब्बा बना चुका था।
मैंने उस गीलेपन को वहां से चूम लिया।
उसकी चूत के रस की खुशबू पाकर मैं तो पागल सा हो गया।
मैं उसकी पैंटी को उस गीलेपन के ऊपर से ही मुंह में भरकर चूसने लगा।
उसकी चूत की फांकें मेरे मुंह में आ गई थीं; मैं उसकी पैंटी को जीभ से चूसने लगा।
उसकी चूत के रस का स्वाद मेरे मुंह में आ रहा था।
अब नीतू जोर जोर से सिसकारने लगी थी- आह्ह … स्स्स … ओह्ह … आह्ह … मामा … आह्ह … चूस लो … आह्ह!
मैं उसकी तड़प को समझ सकता था उसको पति का प्यार भी नहीं मिल पाया था इसलिए वो भी चुदने के लिए तड़प रही थी और मर्द के जिस्म का सुख पाने के लिए बहुत प्यासी थी।
फिर मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया।
उसकी पैंटी को खींचते ही उसकी फूली हुई चूत मेरा सामने आ गई और मैं उसको देखता ही रह गया।
इतनी मस्त चूत मैंने आज तक नहीं देखी थी।
उसकी चूत की फांकें एकदम पाव रोटी के जैसी लग रही थीं। उसकी चूत की फांकों पर चूत का रस लगा हुआ था जो चमक रहा था। उसने चूत को एकदम से क्लीन शेव किया हुआ था और ऐसा मन कर रहा था कि उसको काट कर मैं खा ही लूं।
मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत को मुंह देकर चूसने लगा।
वो एकदम से पगला गई और जोर से सिसकारी- आह्ह … आईई … उईईई … आह्ह … हाये … आह्ह … चूस लो राज मामा … आह अंदर तक चूस लो!
उसकी टांगों को मैंने थोड़ी और चौड़ी फैला दिया और उसकी चूत में जीभ देकर अंदर तक कुरेदने लगा।
अब वो बेहाल सी होने लगी; वो अपने सिर को इधर उधर हिलाने लगी।
चूत की ये उत्तेजना उसके काबू के बाहर होती जा रही थी।
मैं भी तेजी उसकी चूत में जीभ को चलाए जा रहा था।
फिर वो बोली- मामा, आप भी नंगे हो जाओ जल्दी, मुझसे नहीं रुका जा रहा है।
मैंने उठकर जल्दी से अपने बचे हुए कपड़े निकालना शुरू कर दिया।
मैं नंगा होकर एक बार फिर उस पर टूट पड़ा।
मैंने उसके होंठों को चूसा, उसके गालों को चूसा, उसकी आंखों को, उसके कानों को और फिर धीरे धीरे नीचे आकर उसके दूधों को पीने लगा।
अब मैं दोनों दूधों को दोनों हाथों से दबाते हुए उसके निप्पलों को चूस रहा था।
वो मस्ती में पिघल रही थी और मेरे जिस्म को सहला रही थी।
मैंने दोबारा से उसकी चूत का रुख किया और फिर से उसकी चूत को हथेली से रगड़ने लगा।
उससे अब रुका न गया और वो एकदम से उठकर मुझे नीचे पटकते हुए मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
मैं भी मस्ती में खो गया।
मैंने उसके सिर को पकड़ा और उसके मुंह को धक्के मारते हुए चोदने लगा।
वो मेरे लंड को गले तक नीचे उतार रही थी।
मैं एकदम जन्नत की सैर पर निकल गया था। उसने कई मिनट तक मेरे लंड को चूसा और मैंने फिर से उसको नीचे पटक कर उसकी चूत का मोर्चा संभाल लिया।
मैंने अपनी जीभ से उसको चाटना शुरू किया तो वो मदमस्त होने लगी और मेरे लण्ड से खेलने लगी।
मैं उसकी चूत में अपनी जीभ डाल कर उसे चूत चुसाई का मजा दे रहा था।
अचानक वो आआ … ओह्ह … उईई … करती हुई कांपने लगी और झड़ गयी।
उसकी चूत ने ढेर सारा पानी निकाल दिया जिसे मैंने पूरा का पूरा चाट लिया।
उसकी चूत का रस बहुत स्वादिष्ट था।
मेरी बहन की जायी की चूत एकदम से लाल हो चुकी थी।
अब मेरी भांजी की चूत पहले से भी ज्यादा फूली हुई लग रही थी।
मेरी उंगलियों और होंठों की मालिश ने उसकी चूत को पहले से ज्यादा सुंदर और फूली हुई बना दिया था।
मैंने उसके होंठों को फिर से चूसना शुरू कर दिया।
झड़ने के बाद वो शांत पड़ गई थी।
मैं उसके होंठों को चूसते हुए उसकी चूचियों को छेड़ता रहा और उसकी चूत की मालिश करता रहा।
उसके हाथ में मैंने अपना लंड दे रखा था जिसकी वो आहिस्ता आहिस्ता मुठ मार रही थी।
उसके कोमल हाथों की पकड़ मेरे गर्म लंड पर मुझे बहुत मजा दे रही थी।
धीरे धीरे वो फिर से गर्म होने लगी।
मैंने उसकी चूत में उंगली से चोदना शुरू किया तो वो फिर से चूत को उचकाने लगी और आगे की ओर धकेलते हुए मेरी उंगली से ही चुदने की कोशिश करने लगी।
कुछ देर तक ऐसे ही मजे लेने के बाद फिर उससे रुका न गया।
नीतू वासना में पागल हुई जा रही थी और बोली- चोद दो मुझे आज मेरे राज मामू!
मैंने उसे लंड चाटने को बोला तो वो चाटने लगी।
उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर फिर रही थी।
फिर मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया और चोदने लगा।
दो मिनट चोदने के बाद मैंने उसके थूक से सने लंड को बाहर निकाल लिया।
फिर मैंने उसको लिटाया और उसकी प्यारी लाल सुर्ख चूत, जो काफी फूल चुकी थी, पर अपना मोटा लण्ड रखा और चूत को रगड़ने लगा।
वो फिर से सिसकारने लगी।
वो बोली- बस करो ना मामू … अब चोद भी दो मुझे … मुझसे नहीं रुका जा रहा है। प्लीज चोद दो मुझे … प्लीज!
अब मैंने लंड को उसकी चूत के मुंह पर सेट किया और धक्का दे दिया।
मेरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर सरक गया।
आधा लंड उसकी चूत में उतर गया था और वो एकदम से बेचैन हो गई।
उसको जोर का दर्द हुआ और वो चीखने वाली थी कि मैंने उसके मुंह को बंद कर दिया।
मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसते हुए उसे शांत करने की कोशिश करने लगा।
धीरे धीरे वो नॉर्मल हुई तो मैंने फिर से एक धक्का मारा और फिर से उसकी ऊंह्ह … निकल गई।
उसके मुंह पर मैंने हाथ रखा हुआ था।
इस तरह अब धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया था।
मैं अपनी भानजी की चूत में धक्के मारने लगा।
चूत गीली थी तो लण्ड एकदम से जड़ तक घुस चुका था।
फिर धीरे धीरे स्पीड बढ़ा कर मैं उसे चोदने लगा।
कुछ देर तक वो कराहती रही और फिर उसकी वो कराहट आह्ह … आह्ह की सिसकारियों में बदल गई।
मैं अपनी प्यारो नीतू को चोद रहा था और कमरे में फच-फच की आवाज़ गूंजने लगी।
नीतू चूत उठा कर चुदाई का मजा ले रही थी और मैं उसके दूध पीता हुआ उसको चोद रहा था।
20 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गयी।
अब मेरा भी होने वाला था और मैंने उससे पूछा कि कहां निकालना है तो वो कहने लगी कि मेरे अंदर ही निकाल दो, मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं।
तो मैंने कहा- तू पागल है. पति से अलग रह कर बच्चे की माँ बनेगी? मैं तुझे गोली ला दूँगा, खा लेना.
फिर मैंने गहरे गहरे धक्के मारते हुए अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और हम एक दूसरे की बाँहों में सो गए।
उस दिन मैंने 3 बार नीतू को चोदा।
उसकी चूत एकदम सूज गई थी मगर इस फॅमिली सेक्स में बहुत मजा आया उसकी चूत मारकर! उसको चोद चोदकर मैंने उसे अपने लण्ड की रानी बनाया।
बीच रास्ते में ही मैंने उसे 2100 रूपये भी दिए ताकि घर जाकर उसकी माँ को शक न हो।
फिर हम घर आ गए।
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