हैलो फ्रेंड्स, मेरे पड़ोस में मेरा एक दोस्त रहता था. उसका नाम पवन था.
उसकी शादी हुई तो नई आई भाभी बहुत ही मस्त थी. उसकी जितनी तारीफ करो कम ही है.
हमारे पड़ोस में अभी तक ऐसी सुंदर भाभी नहीं आई थी.
ये बात आज के दो साल पहले की है. उसका पति पवन साला लड़की बाज था. बहुत लड़कियों से उसका संपर्क था.
पवन दिल्ली में नौकरी करता था. वो वहीं लड़कियों से संपर्क में रहता था.
शादी के बाद उसकी सुहागरात का पहला दिन ही था कि भाभी ने उसे बताया कि उसका पीरियड चल रहा है.
तो जिस दिन सुहागरात थी, उस दिन पवन अपनी बीवी की चुदाई नहीं कर पाया.
दूसरे दिन पवन अपने काम से दिल्ली चला गया.
भाभी के पति पवन को चूत की चिंता नहीं रहती थी क्योंकि बहुत लड़कियां संपर्क में थीं.
उसके बाद भाभी को भी चार दिन बाद अपने मायके जाना था और उसका पति दिल्ली से लौट कर नहीं आया था.
फिर भाभी अपने घर वापिस चली गई.
उसके पति को उसकी कोई चिंता नहीं थी कि बीवी की रात को मिले न मिले, उसके लौड़े को कोई फर्क नहीं पड़ता था.
उसे गांव की एक भी लड़की पसंद नहीं आती थी, उसे तो बस दिल्ली वाली लौंडियां पसन्द थीं.
एक महीने बाद फिर से भाभी ससुराल आई, तो मैंने उससे मुलाक़ात की.
चूंकि पवन मेरा दोस्त था तो मेरा उसके घर में आना जाना रहता था.
मैं पवन की बहन यानि भाभी की ननद को चोदना चाहता था और उसके चक्कर में भाभी के पास आता जाता रहता था.
मगर भाभी की ननद फंस नहीं रही थी.
ये बात भाभी जान गई थी.
जिस टाइम वो अपने ससुराल आई, तो उसका पीरियड फिर से आ गया था.
पवन भी घर आ गया था.
अब अगर उसका पति चुदाई करना चाहता तो कंडोम लगा सकता था या कई टेबलेट भी आती थीं जिनसे एक दो दिन के लिए माहवारी टाली जा सकती थी.
मगर भाभी का पति भी पूरा हरामी था.
वो नहीं माना कि टेबलेट या कंडोम की मदद ले लूं और चोद लूं; वो साला दो दिन रुक कर फिर से दिल्ली चला गया.
भाभी को तो घर पर रहना ही था, वो मन मसोस कर रह गई.
अब जब भी मैं उसे देखता था, तब मेरा दिल उसके हुस्न पर आ जाता था.
भाभी होंठों पर लिपिस्टिक लगाती, चेहरे का पूरा मेकअप करती थी और बड़ी बन संवर कर रहती थी.
तैयार होने के बाद वो ऐसी मस्त माल लगती थी कि अच्छे अच्छों के लंड से पानी निकल जाए.
इतनी सुंदर भाभी … और उम्र भी उसकी लगभग उन्नीस या बीस की ही होगी.
चढ़ती जवानी थी उसकी.
मैंने मन ही मन सोचा कि इसकी ननद तो साली हाथ नहीं रखने दे रही है, इसी से मैरिड सेक्स का मजा मिल जाए तो मजा आ जाए.
भाभी के पीरियड्स चल रहे थे तो उसने मुझसे सकुचाते हुए कहा- भैया, मेरा एक काम कर दोगे?
मैंने कहा- हां भाभी, बताओ न!
भाभी ने बाजार से पैड्स लाने के लिए कहा- आप बाजार जाओ तो ले आना. किससे मगाऊं, कोई बाजार जाने वाला ही नहीं है.
मैंने हंस कर कहा- अरे भाभी, अपने पति से मंगा लेती न!
वो गुस्से में बोली- उन्हें मेरे लिए घर पर रुकने का टाइम तो है नहीं, पैड्स कहां से ले आएंगे.
मैंने मजाक में कहा- अच्छा भाभी, मैं ले आऊंगा मगर ये तो बताओ कि इसे कहां और कैसे लगाते हैं?
ये भाभी हंस कर बोली- आप ले आना तब बता दूँगी.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उसका नंबर लेना चाहता था क्योंकि नंबर मिलने के बाद ही वो पट सकती थी.
मेरे बोलने से पहले उसने खुद ही मुझसे मेरा नंबर मांग लिया- नंबर दे दो, जब हम बताएं, तब घर लेकर आना, नहीं तो कोई पूछने लगेगा कि क्या मंगाया.
मैंने अपना नंबर दे दिया.
उसके घर में उसकी ननद और सास ही रहती थी बाकी उसका ससुर पुलिस में था उसका देवर कानपुर पढ़ता था.
दूसरे दिन मैं पैड्स लेकर आया.
उस टाइम मेरे गांव में भागवत कथा भी हो रही थी तो उसकी सास और ननद वहां चली गई थीं.
उसने फोन किया- आ जाओ, पैड्स दे जाओ. घर पर कोई नहीं है.
मैंने मन में सोचा आज इसके गाल पर मजाक मजाक में चुम्मी लेकर ही रहूँगा.
बताते हैं औरत हो या लड़की पीरियड बंद होने के तुरंत बाद सेक्स का मन ज्यादा चलता है. औरत तो अपने पति से चुद भी सकती है, लड़की बिना बॉयफ्रेंड के मन मार के रह जाती है.
जब मैं पहुंचा, तो वो नहाने जा रही थी.
उसे देखते ही मेरा तो मौसम बन गया, एकदम से लंड खड़ा हो गया.
वो बाथरूम में घुस गई थी.
मैंने कहा- भाभी कहां रख दूँ?
वो बाथरूम से ही बोली- वहीं पट्टी पर रख दो. अब जरूरत खत्म हो गई.
मैंने कहा- तो क्या वापस करना है?
भाभी हंस कर बोली- नहीं, अगले महीने काम में आ जाएंगे.
तभी भाभी बाथरूम से बाहर आ गई.
मैंने उसका नजारा देखा तो हक्का बक्का रह गया.
भाभी पैंटी और ब्रा में थी. क्या बताऊं उसकी चूचियां, गोरी टांगें, पतली कमर … बड़ी मस्त लग रही थी.
मैंने समझ लिया कि ये आज खुद चुदने मचल रही है.
मैंने आंख मारते हुए कहा- बड़ी सुंदर लग रही हो भाभी.
वो मुस्कुरा दी.
मैंने कहा- अब दिखाओ, पैड कहां लगाओगी?
वो हंसने लगी- अगली बार लगाऊंगी, तब बता दूंगी.
यह कह कर भाभी बाथरूम की तरफ जाने लगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर चारपाई पर बैठा लिया. मैंने कहा- भाभी, अपने गुलाब जैसे गाल को किस तो कर लेने दो.
पहले तो वो बोली- नहीं … कोई आ जाएगा.
मैंने उसके गाल पर किस करने के बाद कहा- कोई नहीं आएगा भाभी जी. आज देवर से मजा ले लो.
मैं उसे किस करने लगा.
वो भी साथ देने लगी.
मैंने एक हाथ उसकी पैंटी में डाला और उंगली से चूत सहलाने लगा.
उसकी चूत के ऊपर धीरे धीरे उंगली से टच करने लगा.
मेरा खुद पहली बार का मामला था तो मुझे चोदने का इतना आइडिया नहीं था.
उस समय मैं पहली बार भाभी की चूत को देखने जा रहा था.
मैं उसके होंठों से होंठ लगा कर उसे किस करता रहा.
भाभी गर्मा गई थी.
मैं उसको गोद में उठा कर कमरे में ले गया और उसके बेड पर उसे पटक दिया.
उसकी ब्रा को उतार दिया और उसकी चूचियां दबाने लगा.
आह उसकी मस्त चूचियां मेरे हाथों से मसली जा रही थीं.
मैं एक को हाथ से पकड़ कर मुँह से चूस रहा था, दूसरी को हाथ से ही मसल कर मजा ले रहा था.
भाभी का बदन बिल्कुल चिकना गोरा और ऐसा था कि जहां पकड़ो, वहीं लाल हो जाए.
मेरा लंड अपने उफान पर था. मैं उसकी चूत में उंगली डालने लगा.
फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
पहली बार किसी औरत को बिल्कुल नंगी देखा था.
मुझे नंगी औरत की जानकारी तो थी क्योंकि पोर्न फिल्म देखता रहता था.
मैंने पूछा- बोल भाभी … तेरी सुहागरात कैसे मनी?
वो बोली- उस दिन पीरियड चल रहा था. उसके बाद दो बार ही चुदाई हुई थी. वो भी ढंग से नहीं हुई थी.
मैं उसकी चूत को चाटना चाहता था. उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी.
वो बोली- अब मेरी चूत की मां चोदते रहोगे या अपना भी लंड पेलोगे उसमें? लंड बाहर निकाल कर दिखाओ. पति ने तो पकड़ने नहीं दिया.
मेरा लंड अपनी उफान पर था.
उसने लंड लोअर से निकाला और लंड को देखते ही उसके मुँह से निकला- ओ माय गॉड … इतना बड़ा मोटा लंड … मेरी तो फट जाएगी.
मैंने कहा- उसे तो फटना ही है मेरी प्यारी, तुम ये बताओ कि क्या तेरे पति का इतना मोटा लंड नहीं है?
वो कहने लगी- तुम्हारे लंड से आधा है.
मैंने कहा- औरत के पति का कितना भी बड़ा मोटा लंड हो, उसका दूसरे के हिसाब से छोटा ही लगता है. हर औरत को दूसरे लंड से ही मजा आता है. तेरे पति ने तो दिल्ली में एक से एक लड़कियां सैट की हुई हैं.
भाभी कुछ नहीं बोली.
मैंने भाभी को अपने ऊपर लिया और उसे 69 में घोड़ी बना दिया.
उसकी चूत मेरे मुँह के सामने थी.
लंड उसके सामने था.
भाभी लंड की प्यासी थी, वो लंड को मुँह में लेने लगी.
उसकी चूत को मैं अपनी जीभ से चोद रहा था.
मेरे मुँह से निकल रहा था, मेरी प्यारी भाभी जल्दी जल्दी मुँह से कर … आह आह ई ई.
नीचे से मैं भूखे भेड़िया की तरह चूत को चाटने में लगा था.
उसने अपनी पूरी चूत मेरे मुँह पर रख दी और ‘आह आह उह ईईई …’ की आवाज निकालने लगी.
कुछ ही देर में उसने अपनी चूत का सारा पानी मुँह पर छोड़ दिया.
सफेद सफेद गाढ़ा नमकीन पानी मेरे मुँह में आने लगा.
मैं पहली बार चूत के पानी का स्वाद ले रहा था.
अब मैं झड़ने वाला था तो उसकी गांड को सीधा करके उसके सिर को पकड़ा और जल्दी जल्दी लंड अन्दर बाहर करके पानी छोड़ने को हो गया.
मैंने उस लंड की प्यासी हसीना का मुँह पकड़ा और कहने लगा- आह … जल्दी जल्दी चूस साली … गटक ले पूरा माल.
मैं उसके मुँह में झड़ गया और वो चूसती चली गई.
फिर वो मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गई और कहने लगी- जानू, मुझे धोखा तो नहीं दोगे. तुमको जिंदगी भर अपना पति मानूंगी.
मैंने कहा- इतनी जल्दी, अभी तो लंड चूत में गया ही नहीं.
वो बोली- हां, वो भी पेल दो.
थोड़ी देर बाद उसने लंड को मुँह में लिया, लंड खड़ा हो गया.
मैं लेट गया. वो अपनी चूत में लंड डालने लगी.
वो बोली- मैं अपने हाथ से डालूंगी. तुम तो फाड़ दोगे मेरी चूत.
धीरे धीरे करके वो लंड पर उछल कूद करने लगी.
अपने हाथ से लंड चूत में आराम आराम से ले रही थी.
फिर कहने लगी- चूत में सरसों का तेल लगा लेती हूँ.
उसने अपनी चूत और लंड के ऊपर तेल लगा लिया और झटके से पूरा लंड अन्दर चूत में ले गई.
कुछ देर चिल्लपौं हुई.
फिर मेरी कमर पकड़ कर धकापेल लंड लेने लगी थी.
इतनी सेक्सी भाभी मेरे लौड़े पर कूद रही थी और अपने मुँह से आएं बाएं बकने लगी थी- आह आह उह उह ई … आज लंड से चूत फाड़ ही दो … आह जोर जोर से चोदो मुझे.
वो खुद धक्के मार रही थी.
पतली कमर मचल रही थी.
उसकी चूत में भी लंड एकदम टाइट जा रहा था.
दस मिनट बाद वो झड़ने वाली थी.
वो हांफने लगी तो मैंने तुरन्त उसकी चूत में लंड डाले हुए ही उसे अपने नीचे कर दिया.
अब मिशनरी पोज बन गया था.
मैंने उसकी दोनों टांगें हवा में उठा कर चूत में लंड अन्दर सरकाया और टांगों को अपने कंधों पर रखकर उसकी गर्दन पकड़ कर उसकी चुदाई की स्पीड तेज कर दी.
वो मस्त ही गई और झड़ने वाली थी.
अपने मुँह से आवाज निकालने लगी- आह … आज चूत को फाड़ ही दो, भोसड़ी के जल्दी जल्दी चोदो आह चोद साले फाड़ दो चूत.
जिस समय वो झड़ी, उस समय उसने अपनी दोनों बांहों को मेरी कमर पकड़ कर अपने अन्दर तक खींच लिया.
मेरा लंड उसकी बच्चेदानी तक घुस गया था.
वो मुझसे सट गई थी.
उस समय ऐसा महसूस हो रहा था कि उसकी चूत में कितना भी मोटा बड़ा लंड डाल दिया जाता, वो पूरा ले जाती.
झड़ कर वो शांत लेट गई.
फिर चूत को साफ करके उसकी चुदाई शुरू की.
मैं फुल स्पीड में चुदाई करने लगा और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया.
उसकी चूत भर गई.
मैं उसके ऊपर चूत में लंड डाले हुए ही लेट गया.
वो चूम कर बोली- बच्चा रुक जाएगा, चूत में रस निकाल दिया.
मैंने कहा- पति माना है न तो बच्चा भी ले लो न!
वो हंस दी और बोली- अभी जवानी का मजा लेने का समय है मेरे राजा!
मैंने ओके कह दिया.
चुदाई के बाद हम दोनों अलग हो गए.
फिर मैंने उसे 72 घंटे वाली टेबलेट दी.
तब से अभी तक उसे मैं चोद रहा हूँ. उसकी ननद को फिलहाल नहीं चोद सका हूँ. लेकिन भाभी की मदद से ननद को भी चोदने की व्यवस्था हो ही जाएगी.
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